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मुंबई/गुवाहाटी। बहुमत गंवाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार और पार्टी को बचाने की आखिरी कोशिश में जुट गए हैं। पार्टी के जिला व विभाग प्रमुखों की शुक्रवार को हुई बैठक में उन्होंने शिंदे और उनके साथ बागी हुए विधायकों को बीमारी से खराब हुए फल और फूल बताया। उन्होंने कहा, आप फल-फूल ले सकते हैं, लेकिन जब तक जड़ मजबूत है, मुझे कोई चिंता नहीं है। ठाकरे ने आरोप लगाया, शिवसेना में बगावत के पीछे भाजपा है। बैठक में उद्धव के पुत्र आदित्य ने मान लिया कि विधायकों की संख्या उनके पक्ष में नहीं है।

वहीं, बागी एकनाथ शिंदे की ताकत शुक्रवार को भी बढ़ती नजर आई। मुंबई के चांदिवली से विधायक दिलीप लांडे गुवाहाटी पहुंच कर उनके खेमे में शामिल हो गए। इससे शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों की संख्या दो तिहाई का जादुई आंकड़ा 37 पार कर 38 पहुंच गई। हालांकि, शिंदे का दावा है, शिवसेना के 55 में से 40 विधायक उनके साथ गुवाहाटी में हैं।

उद्धव ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, उन्हें शहरी विकास जैसा अहम विभाग दिया, जो आमतौर पर सीएम के पास रहता है। उन्होंने कहा, हमारे साथ कोई नहीं है, हमें फिर से नई शिवसेना खड़ी करनी पड़ेगी। उद्धव ने कहा, शिंदे का बेटा सांसद है और मेरे बेटे पर टिप्पणियां की जा रही हैं। क्या मेरे बेटे को सियासी रूप से आगे नहीं बढ़ना चाहिए?

मेरा गुट ही असली शिवसेना : शिंदे
शिंदे ने दावा किया, शिवसेना के 40 विधायक अब उनके साथ गुवाहाटी में हैं। विधायकों के समर्थन से स्पष्ट है, उनका गुट ही असली शिवसेना है।

बागी विधायकों के खिलाफ शिवसैनिक उग्र 
बागी विधायकों के खिलाफ शिवसैनिक सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने कुर्ला में विधायक मंगेश कुडालकर और चांदिवली के विधायक दिलीप लांडे के कार्यालय पर तोड़फोड़ की।

कोई दल संपर्क में नहीं...
शिंदे एक शक्तिशाली सियासी दल के संपर्क में होने संबंधी अपने बयान से पलट गए। पूछे जाने पर कि क्या भाजपा उनका समर्थन कर रही है, शिंदे ने कहा, कोई भी दल उनके संपर्क में नहीं है।

मरने से पहले ही शिवसेना छोड़ गए
जो लोग कल तक यह कहते थे हम मरने के बाद भी शिवसेना नहीं छोड़ेंगे। वह आज मरने से पहले ही हमें छोड़कर चले गए। ये तमाम लोग ठाकरे का नाम लिए बिना जीकर दिखाएं। -उद्धव ठाकरे, सीएम, महाराष्ट्र

पवार और उद्धव में लंबी बातचीत
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार शुक्रवार शाम उद्धव के आवास मातोश्री पहुंचे और लंबी बातचीत की। माना जा रहा है कि अब कानूनी दांवपेंच में शिंदे को पटखनी देने की तैयारी की जा रही है।

विधायकों पर लटकी निलंबन की तलवार
बृहस्पतिवार को 12 विधायकों के निलंबन की मांग के बाद शुक्रवार को शिवसेना ने चार और बागी विधायकों के निलंबन के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष को पत्र दिया है। इससे 16 विधायकों पर निलंबन की तलवार लटक गई है।

शिंदे बोले-बहुमत हमारे साथ
कार्रवाई के लिए शिवसेना की विधानसभा उपाध्यक्ष को चिट्ठी पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में नंबर का महत्व होता है और नंबर उनके पास है। किसी के भी पास उन पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। दो निर्दलीय विधायकों महेश बालदी और विनोद अग्रवाल ने विधानसभा उपाध्यक्ष झिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया है।

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