काठमांडू। भारत ने पड़ोसी देश नेपाल से रिश्तों और लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रविवार को हिमालयी देश को 75 एम्बुलेंस और 17 स्कूल बसें भेंट कीं हैं। भारत ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में नेपाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ये मदद की है। भारत के नवनियुक्त राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने नेपाल के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री देवेंद्र पौडेल को वाहनों की चाबियां सौंपीं।
भारत ने दिया गिफ्ट
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 75 एम्बुलेंस का उपहार भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का भी प्रतीक है। इस मौके पर नवनियुक्त राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों को उपहार में देना दोनों देशों के बीच मजबूत विकास साझेदारी का हिस्सा है।
नेपाल-भारत विकास भागीदारी कार्यक्रम के तहत पहल का हिस्सा
उन्होंने कहा कि नेपाल-भारत विकास भागीदारी कार्यक्रम के तहत ये पहल भारत सरकार लंबे समय से चली आ रही परंपराओं में से एक है। इसका उद्देश्य है कि स्वास्थ्य और शिक्षा में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नेपाल सरकार के प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सके।
दोनों देशों के बीच और बेहतर होंगे संबंध
इस दौरान नेपाल के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री देवेंद्र पौडेल ने नेपाल में भारत की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की ये पहल लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए जारी रहेगी।
नेपाल में काम कर रहे भारतीय मिशन ने कहा कि 75 एम्बुलेंस और 17 स्कूल बसें नेपाल के विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न सरकारी विभागों और गैर सरकारी संगठनों को सौंपी जाएंगी।
भारत पहले भी कर चुका है ऐसी मदद
गौरतलब है कि 2021 में भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में काठमांडू की मदद करने के अपने प्रयासों के तहत नेपाल को वेंटिलेटर से लैस 39 एम्बुलेंस उपहार में दी थी। इससे पहले साल 2020 में भी भारत ने महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर नेपाल को 41 एम्बुलेंस और छह स्कूल बसें भेंट की थीं।
नेपाल इस क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है। 1950 की शांति और मित्रता की भारत-नेपाल संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है। नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है। दरअसल, नेपाल चारों तरफ से भूमि से ही घिरा है। समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से ही है।