Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार 27 सितंबर को होगा। पारिवारिक तौर पर शिंजो का अंतिम संस्कार 15 जुलाई को हो चुका है। लिहाजा, यह अंतिम संस्कार प्रतीकात्मक तौर पर होगा। इसकी वजह है कि निजी समारोह में राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हो सके थे। 27 सितंबर को होने वाले अंतिम संस्कार में पीएम मोदी और अमेरिका के पूर्व प्रधानमंत्री बराक ओबामा समेत कई बड़ी हस्तियां और राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो सकते हैं। आबे की जापान के नारा शहर में 8 जुलाई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

27 सितंबर को अंतिम विदाई का कार्यक्रम टोक्यो के किटानोमारू नेशनल गार्डन में होगा। इसमें आबे की अस्थियों का कलश और फोटो रखी जाएगी। यह आबे की प्रतीकात्मक अंतिम विदाई होगी। विपक्ष और कुछ संगठन सरकार पर टैक्स पेयर्स का पैसा बर्बाद करने के आरोप लगा रहे हैं। दूसरी तरफ, सरकार राजकीय अंतिम संस्कार के फैसले पर अड़ी है।

आबे का दूसरा राजकीय अंतिम संस्कार
आबे की हत्या 8 जुलाई को हुई थी। आबे तब एक चुनावी रैली में स्पीच दे रहे थे। उन्हें पीछे से गोली मारी गई थी। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई थी। हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। भारत में भी एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था। 27 सितंबर को आबे का राजकीय अंतिम संस्कार सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद किसी पूर्व प्रधानमंत्री का दूसरा राजकीय अंतिम संस्कार होगा। पहला राजकीय अंतिम संस्कार 1967 में शिगेरू योशिदा का हुआ था। योशिदा भी जापान के प्रधानमंत्री थे। अमूमन जापान में रॉयल फैमिली और प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान या सरकारी खर्च पर नहीं किया जाता। ये परंपरा है। सभी फ्युनरल फंक्शन प्राइवेटली ऑर्गनाइज किए जाते हैं। आबे का राजकीय अंतिम संस्कार सरकार कर रही है। यही वजह है कि इसका विरोध हो रहा है। विपक्ष और आम जनता को लगता है कि सरकार के खर्च पर आबे का अंतिम संस्कार पैसे की बर्बादी है।