लाहौर। हत्या की साजिश के बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर अपनी ही पार्टी की कमान खोने का खतरा मंडरा रहा है। इसको लेकर इमरान के खिलाफ लाहौर कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। ज्ञात हो कि तोशाखाना मामले में इमरान खान अयोग्य ठहराए जा चुके हैं। अब इसी आधार पर उन्हें उनकी पार्टी के प्रमुख के पद से हटाने की मांग की गई है। लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष इमरान खान को पार्टी प्रमुख के पद से हटाने की मांग करने वाली एक याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है।
कोर्ट ने गुरुवार को एडवोकेट मोहम्मद अफाक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति साजिद महमूद सेठी ने आज फैसले की घोषणा की और पंजाब के अटॉर्नी जनरल और महाधिवक्ता को नोटिस भी जारी किया। अदालत ने प्रतिवादियों से 11 नवंबर (शुक्रवार) तक जवाब मांगा है। याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट का राजी होना इमरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं हैं। गुरुवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के वज़ीराबाद इलाके में विरोध मार्च के दौरान एक बंदूकधारी ने खान (70) को ले जा रहे ट्रक पर गोली चला दी, जिससे खान के पैर में गोली लग गई थी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई है। खान की पार्टी का दावा है कि यह इमरान खान की ‘‘हत्या का प्रयास’’ था।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में इमरान खान, पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी), पाकिस्तान सरकार और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है। दलील में तर्क दिया गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1976 और राजनीतिक दल आदेश (पीपीओ) 2002 के अनुसार पार्टी के पदाधिकारियों के लिए संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के अनुसार योग्य होना एक कानूनी और संवैधानिक आवश्यकता है। याचिका में कहा गया है कि एनए-95 निर्वाचन क्षेत्र से इमरान को अयोग्य ठहराया जा चुका है तो लिहाज से उन्हें पीटीआई अध्यक्ष के रूप में भी हटाया जाए और इस संबंध में एक आदेश जारी किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एक अयोग्य व्यक्ति राजनीतिक दलों की व्यवस्था और उसके नियमों के तहत किसी दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। उन्होंने तर्क दिया कि इमरान पीटीआई के प्रमुख बने रहकर कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि उनकी पार्टी पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के साथ पंजीकृत है। वकील ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि इमरान को पीटीआई अध्यक्ष के पद से हटाया जाए और नए पार्टी प्रमुख के लिए नामांकन किया जाए।
गौरतलब है कि अक्टूबर में, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था। आयोग ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री खान ने उन्हें मिले उपहारों के बारे में "झूठे बयान और गलत घोषणाएं" की थीं। तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण में एक विभाग है। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, अन्य देशों के किसी गणमान्य व्यक्ति से मिलने वाला कोई तोहफा अवश्य ही तोशाखाना में रखा जाना चाहिए और नियम के तहत आने वाले जिन व्यक्तियों को ऐसे उपहार मिलते हैं उन्हें कैबिनेट को सूचित करना होता है।