Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 रूस ने कहा- ये हमारी सिक्योरिटी पर हमला

ब्रसेल्स। फिनलैंड नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) का नया मेंबर बन गया है। वे इस मिलिट्री अलायंस में शामिल होने वाला 31वां देश है। नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलनबर्ग ने मंगलवार को ऐलान किया कि फिनलैंड अब नाटो का मेंबर बन गया है।

दूसरी तरफ, रूस को नाटो का विस्तार सख्त नागवार गुजरा। क्रेमलिन से जारी बयान में कहा गया- फिनलैंड को नाटो में शामिल करना एक तरह से रूस की सिक्योरिटी पर हमला है। हम इससे निपटेंगे।

नाटो का हेडक्वॉर्टर ब्रसेल्स में है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द स्वीडन भी नाटो का हिस्सा बन जाएगा। स्टोलनबर्ग ने मीडिया से बातचीत में कहा- हमारे लिए यह हफ्ता ऐतिहासिक होने जा रहा है। नाटो देश एक प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं। फिनलैंड हमारी नाटो फैमिली का नया मेंबर बन चुका है। बहुत जल्द स्वीडन भी इसका हिस्सा बनेगा।

स्टोलनबर्ग नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा- नाटो हेडक्वॉर्टर पर पहली बार फिनलैंड का झंडा फहराया गया। अब उसकी सिक्योरिटी का जिम्मा नाटो देशों का होगा। फिनलैंड के प्रेसिडेंट साउली निनीस्तो और डिफेंस मिनिस्टर एंत्ती काइकोनेन भी सेरेमनी का हिस्सा बने।

रूस को दिक्कत
फिनलैंड के नाटो में शामिल होने का रूस ने विरोध किया है। उसके डिप्टी प्राइम मिनिस्टर एलेक्जेंडर ग्रूस्को ने कहा- नाटो की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। हम भी अपने सिक्योरिटी सर्कल को बढ़ाने जा रहे हैं। अगर फिनलैंड में नाटो फोर्स तैनात होती है तो हम कुछ और कदम उठाएंगे।

फिनलैंड की नाटो में एंट्री ऐसे वक्त में हुई है, जबकि देश में इसकी डिमांड की जा रही थी। इसकी वजह रूस से खतरा बताया जा रहा है। यहां 3 दिन पहले ही प्रधानमंत्री सना मारिन की पार्टी चुनाव हारी है। हालांकि वो भी नाटो मेंबर बनने के लिए काफी वक्त से मेहनत कर रही थीं।

अब स्वीडन पर नजर
तुर्किये और हंगरी दो ऐसे देश हैं, जो फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल किए जाने में परेशानियां पैदा कर रहे थे। उन्होंने कई शर्तें भी थोपी थीं। इसी वजह दोनों देशों को मेंबर बनाए जाने में दिक्कत हो रही थी। बहरहाल, फिनलैंड तो इस ग्रुप में शामिल हो गया है, अब स्वीडन पर नजर है। पिछले हफ्ते स्वीडन को मेंबर बनाने के मामले में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तुर्किये के विदेश मंत्री से बातचीत की थी। नाटो में किसी नए मेंबर को शामिल करने के लिए सबसे जरूरी शर्त ये है कि ग्रुप का हर मेंबर इस पर सहमत हो। नाटो ने एक बयान में कहा- स्वीडन को किसी कीमत पर अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।