0 टीएमसी सांसद महुआ ने कहा- मुझे झुकाने के लिए हर नियम तोड़ दिया
नई दिल्ली। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता शुक्रवार को खत्म हो गई। लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ। इसके बाद वोटिंग हुई। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता को ध्वनि मत से रद्द कर दिया। हालांकि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया।
उन पर ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ का आरोप लगाया गया था और इस मामले की जांच के लिए बनी संसद की समिति की रिपोर्ट आज लोकसभा में पेश की गई, जिसकी सिफारिश के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सुश्री मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने सम्बंधित प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। इससे पहले एथिक्स समिति की रिपोर्ट पर कुछ देर सदन में चर्चा हुई और उसके बाद उसे मंजूरी दी गई।
वोटिंग के बाद लोकसभा स्पीकर ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया। इसके बाद लोकसभा को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ ने कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया।
रिपोर्ट पेश होने के बाद इस पर चर्चा हुई जिसमें विपक्षी दलों विशेषकर तृणमूल कांग्रेस ने अध्यक्ष से बार-बार यह आग्रह किया कि सुश्री मोइत्रा को सदन में उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाए, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का मौका मिला था।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर गठित भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में सुश्री मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने’ के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की थी। समिति के दस में से छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था। विपक्ष के चार सदस्यों ने रिपोर्ट पर सहमति नहीं दी थी। भाजपा के निशिकांत दुबे ने सुश्री मोइत्रा के खिलाफ यह शिकायत की थी।
समिति के अध्यक्ष ने जैसे ही रिपोर्ट पेश की, कांग्रेस और तृणमूल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए और नारे लगाते हुए रिपोर्ट की प्रति दिए जाने की मांग करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने रिपोर्ट की सिफ़ारिश पर वोटिंग से पहले बहस कराए जाने की मांग की।
सांसद अपने प्रश्न खुद बनाएं और खुद ही सबमिट करेंः लोकसभा अध्यक्ष
इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि सांसद अपने प्रश्न खुद बनाएं और खुद ही सबमिट करें। अगर ऐसा नहीं होता है तो सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए कुछ सख्त फैसले लेने होंगे।
कमेटी ने जड़ तक पहुंचे बिना मेरे खिलाफ रिपोर्ट बनाईः महुआ
महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से निष्कासन पर कहा कि मेरे खिलाफ कैश या गिफ्ट कोई सबूत ही नहीं मिला। एथिक्स कमेटी ने भी जड़ तक पहुंचे बिना मेरे खिलाफ रिपोर्ट बनाई और कंगारू कोर्ट ने बिना सबूत के मुझे सजा दी। 17वीं लोकसभा वाकई ऐतिहासिक रही है। इस सदन ने वुमन रिजर्वेशन रीशेड्यूलिंग बिल पारित होते देखा। इसी सदन ने 78 महिला सांसदों में से एक के सबसे मजबूत विच-हंट को भी देखा है।
इसने एक संसदीय समिति का हथियारीकरण भी देखा विडंबना है कि एथिक्स कमेटी नैतिक दिशा-निर्देशक बनाया गया था, उसका इस्तेमाल वह करने के लिए किया जा रहा, जो उसे कभी नहीं करना था।
500 पेज की रिपोर्ट 12 बजे पेश हुई, 3 बार सदन की कार्यवाही रुकी
लोकसभा में शुक्रवार को सदन सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई और एथिक्स कमेटी की 500 पेज की रिपोर्ट पेश की गई। 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की। जिसमें महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई थी। हालांकि टीएमसी ने मांग की थी कि 500 पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए 48 घंटों का समय दिया जाए। चार मिनट बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गया। लोकसभा में इस पर सदन में 3 बार हंगामा हुआ। दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे से तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने पर महुआ के निष्कासन पर वोटिंग हुई।