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0 केरल के 28 टूरिस्ट का भी सुराग नहीं

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से प्रभावित इलाकों धराली, हर्षिल और सुखी टॉप में सर्च ऑपरेशन जारी है। त्रासदी में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी बचाव कार्य में जुटी हैं।

आईटीबीपी के प्रवक्ता कमलेश कमल ने बताया कि 400 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है। 100 से ज्यादा अभी भी फंसे हैं। सेना के 11 लापता जवानों का रेस्क्यू कर लिया गया है। बुधवार सुबह पीएम मोदी ने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। इसके बाद धामी ने धराली और दूसरी जगहों का एरियल सर्वे किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर मीटिंग भी की।
इधर, केरल के 28 टूरिस्ट्स का ग्रुप धराली की घटना के बाद से लापता है। परिवार के सदस्यों ने कहा- एक दिन पहले सभी ने गंगोत्री की यात्रा पर जाने की बात कही थी, लेकिन लैंडस्लाइड के बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका है। गंगोत्री तीर्थयात्रियों के प्रमुख पड़ाव धराली गांव के बाजार-मकान, होटल बह गए खीर गंगा नदी में पहाड़ों से बहकर आए मलबे से बहे, सिर्फ 34 सेकेंड में ये बर्बादी हुई।

हिमालय की दरार पर बसा है धराली, 10 साल में तीसरी बार तबाह हुआ
धराली गांव में 1864, 2013 और 2014 में भी पहाड़ पर बादल फटे थे। इससे खीर नाले ने तबाही मचाई। भूगर्भ वैज्ञानिकों ने तीनों ही आपदाओं के बाद धराली गांव को कहीं और बसाने की सलाह राज्य सरकार को दी। यह भी बताया कि आपदा के लिहाज से धराली टाइम बम पर बैठा है, लेकिन इसे शिफ्ट नहीं किया गया। वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो. एसपी सती ने बताया कि धराली ट्रांस हिमालय (4 हजार मी. से ऊपर) में मौजूद मेन सेंट्रल थर्स्ट में है। यह एक दरार होती है, जो मुख्य हिमालय को ट्रांस हिमालय से जोड़ती है। ये भूकंप का अति संवेदनशील जोन भी है। जिस पहाड़ से खीर गंगा नदी आती है, वो 6 हजार मी. ऊंचा है, जब भी वहां से सैलाब आता है, धराली को तहस-नहस कर देता है। करीब 6 महीने पहले पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर खीर नदी में गिर रहा था, लेकिन ये अटक गया। संभवत: इस बार वही हिस्सा टूटकर नीचे आया है।

1500 साल पुराना कल्प केदार मंदिर भी ध्वस्त
आपदा में धराली में स्थित प्राचीन कल्प केदार महादेव मंदिर भी मलबे में दफन हो गया। भागीरथी नदी किनारे स्थित 1500 साल पुराना यह मंदिर पंच केदार परंपरा से जुड़ा है। स्थानीय लोगों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र था।

धराली गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर
धराली गांव उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक छोटा पहाड़ी गांव है। यह गांव भागीरथी नदी के किनारे, हर्षिल घाटी के पास बसा हुआ है। धराली गांव गंगोत्री यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है। गंगोत्री धाम से पहले यह अंतिम बड़ा गांव है, जहां से लोग आगे की कठिन चढ़ाई के लिए रुकते हैं। तीर्थयात्रियों को यहां रहने और खाने की सुविधा मिलती हैं।
देहरादून से 218 किमी और गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर है। अब तक यह सामने नहीं आया है कि आपदा के वक्त यहां कितने लोग मौजूद थे। प्रशासन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

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