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0 मोदी ने "अन्न और शांति के लिए डॉक्टर एम़एस़ स्वामीनाथन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार" प्रारंभ करने की घोषणा की
0 पीएम मोदी डॉ. एमएस स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी पर आयोजित समारोह में शामिल हुए

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ अमेरिका में व्यापारिक कार्रवाई के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो वह व्यक्तिगत रूप से इसकी भारी कीमत चुकाने के लिए तैयार है। 

श्री मोदी प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक स्वर्गीय डॉक्टर एम़एस़ स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई बहनों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने, खेती पर खर्च कम करने और उनकी आय के नए स्रोत बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

श्री मोदी का यह बयान ऐसे समय में और भी महत्त्वपूर्ण हो गया है जबकि अमेरिका ने भारत के साथ व्यापार समझौते की वार्ता के बीच ही 25 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क लगाने घोषणा के बाद, शुल्क को बढ़ा कर 50 प्रतिशत तक करने का ऐलान किया है। विदेश मंत्रालय, अमेरिका के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और तर्कहीन करार देते हुए कह चुका है कि भारत अपने हितों की रक्षा करेगा।

श्री मोदी ने डॉ. स्वामीनाथन शताब्दी समारोह के अवसर पर "अन्न और शांति के लिए डॉक्टर एम़एस़ स्वामीनाथन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार" प्रारंभ करने की भी घोषणा की। पहला पुरस्कार नाइजीरिया के एक वैज्ञानिक को दिया गया है। श्री मोदी ने उपनिषदों से वर्णित एक सूक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि अन्न की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। अन्न ही प्राण हैं, अन्न जीवन का आधार है। अगर दुनिया में भोजन का संकट हुआ वैश्विक शांति के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे भारत में हरित क्रांति लाने वाले डॉक्टर स्वामीनाथन के योगदान से प्रेरणा लेकर अब भारत की पोषण सुरक्षा के लिए कार्य करें। वैज्ञानिक जैविक कृषि और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सूखे और बढ़ी उष्णता की स्थिति में भी अच्छी उपज देने वाली फसलों के विकास पर ध्यान केंद्रित करें।
श्री मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अन्य पेशे के लोगों के साथ साथ कृषि वैज्ञानिकों को भी बड़ी भूमिका निभानी है। उन्होंने महान वैज्ञानिक डॉ़ स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा " मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि मेरी सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का अवसर मिला। 

स्वामीनाथन ने देश की खाद्य सुरक्षा को जीवन का ध्येय बनाया
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान किसी एक युग या किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं होता। प्रो एमएस स्वामीनाथन ऐसे ही एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया। स्वामीनाथन ने देश की खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का ध्येय बनाया। उन्होंने एक ऐसी चेतना जागृत की जो आने वाली अनेक शताब्दियों तक भारत की नीतियों और प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन करती रहेगी।

स्वामीनाथन ने मार्गदर्शन किया
पीएम मोदी ने कहा कि स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई सालों पुराना है। बहुत से लोग गुजरात की पुरानी परिस्थितियों से परिचित हैं। पहले सूखे और चक्रवातों के कारण कृषि को काफी संकट का सामना करना पड़ता था और कच्छ में रेगिस्तान का विस्तार हो रहा था। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर काम शुरू किया था। प्रो. स्वामीनाथन ने इसमें काफी रुचि दिखाई, उन्होंने खुलकर हमें सुझाव दिए और हमारा मार्गदर्शन किया। उनके योगदान के कारण इस पहल को जबरदस्त सफलता मिली। 

किसानों के हित के लिए कई योजनाएं
पीएम मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से मिलने वाली सीधी सहायता ने छोटे किसानों को आत्मबल दिया है। पीएम फसल बीमा योजना ने किसानों को जोखिम से सुरक्षा दी है। सिंचाई से जुड़ी समस्याओं को पीएम कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से दूर किया गया है। 10 हजार एफपीओ के निर्माण ने छोटे किसानों की संगठित शक्ति बढ़ाई है। ई-नाम की वजह से किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी हुई है।

टैरिफ पर चर्चा करने अमेरिकी दल 24 अगस्त को आएगा
ट्रम्प ने भले ही भारत पर 50% टैरिफ लगाया हो, पर दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर बातचीत जारी है। अमेरिकी दल छठे दौर की बातचीत के लिए 24 अगस्त को भारत आएगा। डील पर अमेरिका भी चिंता में है। बड़े देशों में सिर्फ चीन से ही बात बनी है। वहीं, टैरिफ को लेकर ट्रम्प घर में ही घिर गए हैं।

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