इस्लामाबाद। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा के तेजी से घटते भंडार और रुपये की रिकॉर्ड सीमा तक गिर गई कीमत के कारण अब हाय-तौबा जैसी स्थिति नजर आने लगी है। अब सरकार आयात में भारी कटौती की योजना बना रही है। संभव है कि पेट्रोलियम की कीमत में भी भारी इजाफा किया जाए। पेट्रोल-डीजल के दामों की बढ़ोतरी पर पिछली इमरान खान सरकार ने रोक लगा रखी थी। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इसे बड़ा मुद्दा बना रखा है। इस कारण सरकार दबाव में रही है। लेकिन अब आर्थिक हालात इस हद तक बिगड़ गए हैं कि शाहबाज शरीफ सरकार को ये कठिन निर्णय भी लेना पड़ सकता है। आयात में कटौती का संकेत वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने दिया है। उधर विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि देश को मौजूदा आर्थिक संकट से निकालने के लिए अब सख्त फैसल लेने का वक्त आ गया है। बिलावल के इस बयान को अहम समझा गया है। इसे इस बात का संकेत माना गया है कि सत्ताधारी गठबंधन में ऐसे आर्थिक फैसले लेने पर आम राय बन गई, जिनकी भारी मार आम लोगों पर पड़ेगी। आयात पर शुल्क बढ़ाएगी सरकार वित्त मंत्री इस्माइल ने अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सरकार का मकसद अगले वित्त वर्ष में चालू खाते घाटे में तकरीबन 40 फीसदी तक कटौती करना है। इसके लिए सरकार आयात पर शुल्क बढ़ाएगी। आयात को नियंत्रित करने के दूसरे नियम भी लागू किए जाएंगे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक जिन वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाएगी, उनमें मोबाइल फोन, मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, आदि शामिल हैं। महंगी कारों के आयात पर पूरी रोक लगाई जा सकती है। इस्माइल ने कहा है कि देश के सामने कर्ज डिफॉल्ट करने का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति से बचना एक गंभीर चुनौती बन गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में देश का चालू खाता घाटा बढ़ कर 13.2 बिलियन डॉलर हो गया। इस्माइल ने आशंका जताई है कि पूरे वित्त वर्ष के आंकड़े जब सामने आएंगे, तो मालूम होगा कि यह घाटा 17 से 18 बिलियन डॉलर तक बढ़ चुका है। आर्थिक संकट पूर्व पीटीआई सरकार की गलत नीतियों का नतीजा बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के सामने दो ही विकल्प हैं- या तो लोगों को वह फौरी राहत दे और दीर्घकालिक समस्याओं में धकेल दे या फिर दीर्घकालिक राहत के लिए लोगों को अल्पकालिक पीड़ा उठाने को कहे। बिलावल ने आरोप लगाया कि मौजूदा आर्थिक संकट पूर्व पीटीआई सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है। जबकि पीटीआई का दावा है कि उसने आर्थिक मुसीबत की मार से आम लोगों को बचा रखा था। लेकिन ‘विदेशी साजिश’ का हिस्सा बन कर सत्ता में आई शाहबाज शरीफ सरकार लोगों पर बोझ डालने की तैयारी में है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि शरीफ सरकार ने आयात घटाने और पेट्रोलियम का दाम बढ़ाने का फैसला किया, तो उससे इमरान खान के सरकार विरोधी अभियान को और बल मिल सकता है।
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