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इस्लामाबाद। पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। शुक्रवार को ही यहां शहबाज शरीफ सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में 30 रुपये की भारी बढ़ोतरी का एलान कर दिया। इसके बाद देश में और अधिक महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पाकिस्तान में अब एक लीटर पेट्रोल के लिए 179.86 रुपये, एक लीटर डीजल के लिए 174.15 पाकिस्तानी रुपये देने होंगे।

ऐसा नहीं है कि केवल पेट्रोल-डीजल के दाम ही बढ़े हैं। यहां दूध से लेकर ब्रेड, चीनी और अन्य खाद्यान्न भी काफी महंगा हो चुका है। आगे जानिए कैसे हैं पाकिस्तान में हालात? इससे निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है?  

एक लीटर दूध 144 रुपये में, ब्रेड का पैकेट 94 रुपये में
पाकिस्तान में एक लीटर दूध की कीमत 144 पाकिस्तानी रुपये हो गई है। इसी तरह यहां एक पैकेट ब्रेड 94 रुपये में मिल रहा है। एक किलोग्राम चावल खरीदने के लिए लोगों को 180 से 200 रुपये तक देने पड़ रहे हैं। एक अंडा 16 रुपये और एक किलोग्राम पनीर 904 रुपये का मिल रहा है। पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों की कीमतों को बताने वाले नम्बो डॉट कॉम के अनुसार, यहां अब एक किलोग्राम पनीर के लिए लोगों को 904 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। एक किलो चिकन 485 और बीफ 775 रुपये में बिक रहा है। 

फल और सब्जियों के दाम भी सातवें आसमान पर
ऐसा नहीं है कि केवल पेट्रोल-डीजल, अंडे, पनीर और मांस के दाम ही बढ़े हैं। फल और सब्जियों के कीमत भी सातवें आसमान पर है। पाकिस्तान में एक किलोग्राम सेब की कीमत 189 रुपये है। एक दर्जन केले के लिए लोगों को 112 रुपये देने पड़ रहे। संतरा 143, टमाटर 97, आलू 59, प्याज 53 रुपये किलो बिक रहा है।     
 
आईएमएफ के बेलआउट पैकेज पर टिकी उम्मीद
पाकिस्तान के हालात इतने बुरे हो चले हैं कि यहां निवेश करने से निवेशक भी डरे हुए हैं। पाकिस्तान को अपने हालात सुधारने के लिए अब आईएमएफ के बेलआउट पैकेज ही सहारा है। अगर उसे बेलआउट पैकेज नहीं मिलता है तो इतिहास में दूसरी बार ऐसा होगा कि पाकिस्तान ग्लोबल डिफॉल्टर घोषित हो जाएगा। इस मामले में पाकिस्तानी अधिकारियों ने दोहा में आईएमएफ से बात की। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें 30 रुपये बढ़ा दी। 

फिर पेट्रोल भी नहीं खरीद पाएगा पाकिस्तान
अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से मदद नहीं मिलती है तो यहां आयात पर बड़ा संकट आ सकता है। अप्रैल 2022 में पाकिस्तान के पास केवल 10.2 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व था जो कि दो महीने के आयात के लिए भी नाकाफी है। आंकड़ों के मुताबिक 2016 में पाक के पास सबसे ज्यादा 19.9 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व था। वहीं, 1972 में सबसे कम 960 लाख डॉलर की ही विदेशी मुद्रा बची थी। 
 
विदेशी मुद्रा बचाने के लिए प्लान
पाक सरकार ने विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए प्लान तैयार किया है। सरकार का कहना है कि अगर लोग पेट्रोल-डीजल बचाएं तो इससे करीब 2.7 अरब डॉलर वार्षिक विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके लिए सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है।

इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने भी एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत ऑफिस में अब सिर्फ चार दिन काम करने और तीन दिन छुट्टियां देने की बात कही गई है। इससे प्रति महीने औसत 12.2 करोड़ की बचत का अनुमान है। एक साल में इसके 1.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। प्रस्ताव में ये बताया गया है कि कार्य दिवस के दिन तेल की खपत 90 फीसदी होती है, जबकि छुट्टी वाले दिन यह आंकड़ा सिर्फ 10 फीसदी रहता है।