कानपुर। नई सड़क पर हुए बवाल में उपद्रवियों ने यतीमखाने की तरफ से नई सड़क की ओर जुलूस निकाला। जैसे ही वह चंद्रेश्वर अहाते के पास पहुंचे, तो वहां सामने डिवाइडर पर लगे भाजपा के झंडे को फाड़ दिया। नारेबाजी कर ललकारने लगे। इसी दौरान कई उपद्रवी हाते की चौखट तक पहुंच गए। कुछ भीतर भी घुस गए। वहां मौजूद लोगों को पीटने लगे। जिसके बाद दूसरे समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और फिर बवाल भड़क गया। उपद्रवी सुनियोजित तरीके से ठेले पर पत्थर भरकर पहुंचे थे।
दरअसल, चंद्रेश्वर हाता व उसके आसपास रहने वाले दूसरे समुदाय के लोगों ने दुकानें बंद नहीं की थीं। विरोध प्रदर्शन करने वालों ने जब दुकानें खुली देखीं तो बंद कराने लगे। दूसरे समुदाय के लोगों का कहना था कि प्रदर्शन से उनका कोई लेना देना नहीं है तो वह दुकान क्यों बंद करें। इस पर बात बिगड़ गई और इतना बड़ा बवाल हो गया। गलियों से आई भीड़ ठेलों पर पत्थर लादकर पहुंची थी। उसके बाद घंटों पथराव चलता रहा। दूसरे समुदाय के लोगों ने भी पथराव किया। बवाल में घायल हुए लोगों में सबसे अधिक चंद्रेश्वर हाता के निवासी हैं।
बवाल में घायल हुए लोग
अहाते के बाहर दुकानदार पानी-कोल्ड ड्रिंक बेच रहे थे। भीड़ ने हमला बोला और दुकान ही लूट ली। सामान भी फेंकने लगे, जो मिलता गया उनपर हमला कर दिया। ये तमाश करीब 15 मिनट तक चलता रहा। जब दूसरे समुदाय के लोगों की संख्या बढ़ी तब वह उनको खदेड़ सके।
लाठीचार्ज होते ही आई हजारों की भीड़, पुलिस की रही लापरवाही
राष्ट्रपति, पीएम और सीएम शहर में थे। इस वीवीआईपी मूवमेंट की वजह से भारी पुलिस बल उनकी सुरक्षा में लगा हुआ था। बाजार बंदी के आह्वान की जानकारी होने की वजह से एक एसीपी के साथ आठ-दस पुलिसकर्मी नई सड़क पर मौजूद थे। मगर भीड़ हजारों की हो गई। जब बवाल शुरू हुआ, तो इन पुलिसकर्मियों ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज कर दिया। उपद्रवी वहां से भागे और चंद मिनट में हजारों लोगों के साथ दोबारा आ गए और बवाल बढ़ गया। सवाल है कि जब भीड़ जुट रही थी, तो पुलिस बल क्यों नहीं बुलाया गया।
चेहरे ढक कर आए थे उपद्रवी, सीसीटीवी कैमरे भी तोड़े
उपद्रवी चेहरे ढककर आए थे। युवाओं की संख्या सबसे अधिक थी। यही नहीं जब उपद्रवी बवाल कर रहे थे, तो दुकान व मकान के बाहर जो भी सीसीटीवी कैमरा उनको दिख रहा था उसको वो तोड़ रहे थे, जिससे उनकी करतूत उसमें कैद न हो।
आधा दर्जन गाड़ियां तोड़ीं
बीच सड़क पर उपद्रवियों ने बवाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक सेंट्रो व एक वैन के अलावा दो पिकअप व एक बाइक को पथराव कर तोड़ डाली। दुकानों के साइन बोर्ड तोड़े। अराजकता की हदें पार कर दीं।