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दोहा (कतर)। कतर की जमीन से न सिर्फ धार्मिक कटुता बढ़ाने, बल्कि दुनियाभर में आतंकवाद के विस्तार के लिए पैसा मुहैया कराया जा रहा है। एक पॉलिसी रिसर्च समूह की रिपोर्ट का दावा है कि कतर स्थित कई संगठन इस्लामिक कट्टरपंथी स्कूलों के जरिये भारत जैसे बहुधार्मिक देश में आपसी मतभेदों, संदेह को गहरा करने के लिए फंडिंग कर रहे हैं।

वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने के मकसद से कई देशों में मस्जिद, मदरसों के निर्माण व मुस्लिमों को शिक्षा-रोजगार के समान अवसर की आड़ में करोड़ों डॉलर दे रहे हैं। लंदन के लेखक जेम्स डगलस क्रिक्टन के हवाले से रिपोर्ट में लिखा है, भारत समेत विश्वभर में कट्टरपंथ बढ़ाने के पीछे 'शेख ईद बिन मोहम्मद अल थानी' का बड़ा हाथ है। ईद चैरिटी के नाम से मशहूर इस संगठन के संस्थापक सदस्य, अब्द अल-रहमान अल-नुअयमी को अमेरिका ने 2013 में विशेष नाम के वैश्विक आतंकी घोषित किया था। उस पर सीरिया, यमन, इराक व सोमालिया में अल कायदा व सहयोगी गुटों को वित्तीय सहायता के आरोप लगे थे। 

शैल कंपनियां की आड़ में पहुंच रही रकम
रिपोर्ट का दावा है, कतर से सीधे बड़ी फंडिंग लेने वाले लाभार्थी संगठन अलकायदा, इस्लामिक स्टेट जैसे खंूखार आतंकी गुटों से जुड़े छोटे समूहों की मदद करते हैं। यह पैसा शैल कंपनियोंं की आड़ में पहुंचाया जाता है।

ईद चैरिटी के लीक दस्तावेज में भारत में केरल समेत कई जगह आठ सलाफी समूहों को भवन निर्माण, मस्जिदों की मरम्मत और पानी के पंप लगाने के बहाने कतर से बड़ी रकम पहुंचाने का खुलासा हुआ है।