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कोलंबो/नई दिल्ली। श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच नया विवाद उभरा है। यह विवाद श्रीलंका के बिजली विभाग के प्रमुख एमएमसी फर्डिनेंडो के बयान से पैदा हुआ। फर्डिनेंडो ने दावा किया था कि पीएम नरेंद्र मोदी के कहने पर अडाणी समूह को श्रीलंका में एक पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट दिया गया। हालांकि, विवाद के बाद फर्डिनेंडो ने बयान वापस लेकर इस्तीफा दे दिया है। 

यह विवाद पहले श्रीलंका में गहराया और अब भारत में भी सुर्खियां बटोर रहा है। फर्डिनेंडो श्रीलंका की सरकारी बिजली कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) के अध्यक्ष थे। उन्होंने बीते दिनों श्रीलंका की एक संसदीय समक्ष यह दावा किया था। फर्निडेंडो ने पूर्व में दिया गया बयान सोमवार को वापस लेने के बाद इस्तीफा दे दिया। श्रीलंका के बिजली मंत्री कंचन विजेशेखरा ने कहा कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। 

बिजली विभाग के प्रमुख ने यह दावा किया था
फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को संसदीय समिति के समक्ष कहा था कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने पिछले साल नवंबर में उन्हें बुलाया था। उन्होंने कहा था कि भारत के उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी को श्रीलंका में पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट दिया जाए। श्रीलंका के अधिकारी ने ये भी दावा किया था कि मोदी ने राष्ट्रपति राजपक्षे से इसके लिए आग्रह किया था।