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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सेना भर्ती में बड़ा बदलाव किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने इसके लिए 'अग्निपथ भर्ती योजना' लॉन्च की। इसके तहत अब सेना में युवाओं को चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। यह भर्ती साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की उम्र तक के युवाओं की होगी। 

नए भर्ती नियम को लेकर तमाम तरह की बात चल रही है। देश के बड़े रक्षा विशेषज्ञ इसे अच्छी पहल बता रहे हैं। आइए जानते हैं कि नए भर्ती नियम से सरकार, युवाओं और देश को क्या फायदा मिलेगा? सरकार ने ऐसा फैसला क्यों लिया?  
 
पहले जानिए नए भर्ती नियम के बारे में सबकुछ
'अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। भर्ती के लिए साढ़े 17 साल से 21 साल की आयु सीमा तय की गई है। चार साल के अंत में 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा। अधिकतम 25 फीसदी इच्छुक जवानों को सेना में आगे भी सेवा देने का मौका मिलेगा। यह तब होगा जब रिक्तियां होंगी। जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी। 
 
जवानों को अग्निवीर कहा जाएगा
नए नियम के मुताबिक भर्ती होने वाले युवाओं को 10 हफ्ते से लेकर छह महीने की ट्रनिंग दी जाएगी। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। 10वीं पास जवानों को सेवाकाल के दौरान 12वीं भी कराई जाएगी। इन नौजवानों को अग्निवीर कहा जाएगा। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। 
 
चार साल बाद मिलेगी एकमुश्त राशि
चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा। येाजना की शुरुआत 90 दिन बाद हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। 

जानें कितना मिलेगा वेतन ?                                   
साल           महीनेवार वेतन      कैश इन हैंड 
प्रथम वर्ष       30000                  21000 
दूसरे वर्ष       33000                  23100
तीसरे वर्ष      36000              25580
चौथे वर्ष     40000            28000

नोट: कुल वेतन का 30 फीसदी हिस्सा अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होगा। इतनी ही राशि सरकार भी इस फंड में डालेगी। चार साल बाद ब्याज सहित यह राशि अग्निवीर को मिलेगी। जो 11.71 लाख रुपये होगी। 
 
नए भर्ती नियम के पांच बड़े फायदे
नए भर्ती नियम को लेकर हमने वायुसेना के चीफ एयर मार्शल (रिटायर्ड) आरसी वाजपेयी से बातचीत की। उनसे पूछा कि सरकार ने इस तरह की भर्ती प्रक्रिया को क्यों लागू की? इसके क्या फायदे होंगे। वाजपेयी ने इसके पांच फायदे बताए। 
 
सेना भर्ती में रोजगार
1. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा : आरसी वाजपेयी कहते हैं, 'मौजूदा समय रोजगार का काफी ज्यादा संकट है। नियमित भर्ती करने के चलते सरकार पर बोझ भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इस नए भर्ती नियम के चलते ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार का मौका मिलेगा। नए भर्ती नियम के तहत जो सैलरी और सुविधाएं तय की गईं हैं वह भी आकर्षित करने वाली है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा युवा सेना की तरफ आकर्षित होंगे।'
 
भर्ती
2. युवाओं को सपने पूरा करने का भी मौका मिलेगा : ऐसा नहीं है कि चार साल बाद सभी नौजवानों की नौकरी चली जाएगी। जो आगे सेवा करना चाहेंगे उनमें से अच्छे युवाओं की नौकरी जारी रहेगी। वहीं, बहुत से युवाओं के अपने अलग सपने भी होते हैं। ऐसे युवा 10वीं-12वीं में पढ़ाई के वक्त सेना में भर्ती होंगे और चार साल की नौकरी करने के बाद जब सेवा से मुक्त होंगे तो अपने आगे के सपने को पूरा कर सकेंगे। सेवा से मुक्त होने के दौरान युवाओं के पास एक अच्छी रकम होगी। जिससे वह आगे की पढ़ाई के साथ-साथ अपना स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं। बड़ी संख्या में युवा ऐसे हैं, जो सेना में जाकर देश सेवा करना चाहते हैं और बाद में सिविल सर्विसेज में भी जाते हैं। ऐसे युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए भी वरीयता मिलेगी।  
 
समाज को अनुशासित युवा मिलेंगे
3. अनुशासित युवा मिलेंगे : सेना में ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। ऐसे में जब ये युवा चार साल बाद वापस आम जिंदगी में वापस लौटेंगे तो उनके पास एक अच्छा अनुशासन होगा। वह समाज को भी अनुशासित करने का काम कर सकेंगे। इसका फायदा देश को मिलेगा। 
 
सेना भर्ती
4. ट्रेंड यूथ : पूरी दुनिया में उथल-पुथल की स्थिति है। ऐसे में हमेशा एक देश के दूसरे से टकराव के हालात बने रहते हैं। युद्ध की स्थिति में भी सेना के पास आर्मी के ट्रेंड युवाओं की भरमार होगी। ये युवा देश सेवा के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। इन्हें जरूरत पड़ने पर ट्रेनिंग देने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध इसका ताजा उदाहरण है। यूक्रेन के पास सेना के जवानों की कमी पड़ गई। ऐसे में आम लोगों ने सेना की मदद को कदम तो बढ़ाया, लेकिन वह ज्यादा ट्रेंड नहीं हैं। ऐसे में चाहते हुए भी अपने देश के लिए ज्यादा काम नहीं कर पा रहे हैं। 
 
पेंशन 
5. पेंशन का बोझ कम होगा : सरकार इस वक्त आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है। सबसे ज्यादा बोझ सरकार पर पेंशन का होता है। ऐसे में नए भर्ती नियम से सरकार पर पेंशन का बोझ कम होगा। सरकार इन पैसों को विकास कार्यों और नौजवानों को बेहतर सुविधा देने में लगा सकेगी।