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कोलंबो। मौजूदा मुसीबत से निकलने के लिए हाथ-पांव मार रहे श्रीलंका ने अब अपनी उम्मीद भारतीय सैलानियों से जोड़ी है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी (एसएलटीडीए) को निर्देश दिया है कि वह भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष इंतजाम करे। एसएलटीडीए को उम्मीद है कि इस साल के बाकी बचे महीनों में तकरीबन आठ लाख सैलानी श्रीलंका आएंगे। उनसे लगभग 80 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा श्रीलंका को हासिल होगी।

श्रीलंका को आशा है कि वहां मौजूद अस्थिरता के बीच भी भारतीय सैलानियों को आकर्षित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने एसएलटीडीए के अधिकारियों के साथ एक बैठक में उन्हें इसके लिए पूरा जोर लगाने का आदेश दिया। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा- प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले छह महीनों में भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना तैयार करें।

अब पर्यटन उद्योग में जान फूंकने की तैयारी
गुजरे कई दशकों से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर रही है। ये आम समझ है कि कोरोना महामारी के दौरान पर्यटन के ठप हो जाने के कारण ही श्रीलंका मौजूदा आर्थिक संकट में फंसा। इसलिए अब पर्यटन उद्योग पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के विक्रमसिंघे सरकार के रुख को सही दिशा में पहल समझा जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने संबंधित अधिकारियों से कहा है कि वे पलाली हवाई अड्डे को फिर से चालू करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करें। ये हवाई अड्डा पहले युद्ध क्षेत्र रहे जाफना में है। समझा जाता है कि इस हवाई अड्डे के चालू हो जाने से दक्षिण भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल के पहले पांच महीनों में 3,78,521 विदेशी पर्यटक श्रीलंका आए। जबकि 2021 के पूरे साल में सिर्फ 1,94,495 विदेशी सैलानी ही आए थे। समझा जाता है कि 2021 में कोरोना संक्रमण के डर से कम विदेशी सैलानी आए। पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल मार्च में ये उद्योग फिर से खुशहाल होता दिख रहा था। लेकिन उसी महीने के आखिर में आर्थिक संकट के गहराने और राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो जाने की वजह से एक बार फिर सैलानियों की संख्या घट गई।

पर्यटन का योगदान पांच फीसदी
साल 2018 में श्रीलंका के जीडीपी में पर्यटन उद्योग का योगदान पांच फीसदी के बराबर था। उस वर्ष देश को पर्यटकों से चार बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई थी। 2019 में ईस्टर बम धमाकों के कारण और 2020 में कोरोना महामारी के कारण पर्यटकों की आवक घट गई। अब विक्रमसिंघे सरकार ने 2025 तक 25 लाख सैलानियों को आकर्षित करने का लक्ष्य तय किया है। उनसे 3.5 बिलियन डॉलर की आमदनी होने का अनुमान लगाय गया है। विक्रमसिंघे ने इस क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों से पर्यटकों को लुभाने की योजना बनाने और उसे लागू करने का निर्देश भी दिया है।

श्रीलंका सरकार की योजना के तहत हॉस्पिलिटी उद्योग की समस्याओं को दूर करने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन किया जाएगा। विक्रमसिंघे ने पर्यटन मंत्री हरिन फर्नांडो से कहा है कि वे विभिन्न दूतावासों के साथ बैठक कर श्रीलंका की इस योजना के बारे में उन्हें जानकारी दें।