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नई दिल्ली। अग्निपथ योजना में भर्ती का इंतजार खत्म हो गया है। वायुसेना ने 'अग्निवीरों' की भर्ती की डिटेल जारी कर दी है। इसमें मिलने वाली सुविधाओं की भी पूरी जानकारी दी गई है।

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध जारी है। यूपी बिहार से लेकर तेलंगाना और जम्मू कश्मीर तक 15 से ज्यादा राज्यों से हिंसात्मक घटनाओं की खबर सामने आ चुकी हैं। कहीं ट्रेन फूंकी जा रही तो कहीं पुलिस चौकी और बस। 

इस बीच, अग्निपथ योजना को लेकर खूब चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे गलत कदम बता रहे तो कुछ लोग इसे सकारात्मक तौर पर देख रहे हैं।

अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं की तनख्वाह को लेकर भी खूब चर्चा है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अग्निवीरों और नियमित सैनिकों की तनख्वाह में कितने का फर्क रहेगा? क्या नियमित सैनिकों को ज्यादा तनख्याह मिलेगी? आइए जानते हैं... 

अग्निवीरों को कितनी मिलेगी सैलरी? 
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36 हजार 500 तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। इसमें से 70 फीसदी राशि वेतन के तौर पर दी जाएगी। बाकी 30 फीसदी अग्निवीर कॉर्प्स फंड अर्थात सेवा निधि पैकेज में जमा होंगे। मतलब पहले साल अग्निवीरों को हर महीने 21 हजार रुपये कैश इन हैंड मिलेंगे। दूसरे साल ये बढ़कर 23,100, तीसरे साल 25,580 और आखिरी साल 28 हजार रुपये हो जाएंगे। 
 
चार साल में वेतन कटौती से कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। यानी कि पीएफ की तरह यह दोहरा लाभ होगा। इस राशि पर जमा ब्याज भी मिलेगा। चार साल में वेतन कटौती से बचत और सरकार का अंशदान दोनों मिलाकर करीब 11.71 लाख रुपये हो जाएंगे। यह राशि टैक्स फ्री होगी। इस तरह चार साल बाद अग्निवीर को मासिक वेतन के अलावा सेवा निधि पैकेज से एकमुश्त 11.71 लाख रुपये दिए जाएंगे।
 
नियमित जवानों की सैलरी का क्या है नियम? 
मौजूदा समय सेना में अफसर से लेकर जवान तक को सातवें वेतन आयोग के तहत तनख्वाह और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। सेना में कुल 17 से अधिक तरह के पद होते हैं। इनमें वेतन का अलग-अलग नियम है। सिपाही यानी वो सैनिक जो सीमा पर आतंकियों, दुश्मन की सेना से सरहद की रक्षा करते हैं।

सातवें वेतन आयोग के तहत अभी आर्मी के सिपाही और लांस नायक को हर महीने 21 हजार 700 रुपये कैश इन हैंड मिलते हैं। मतलब ये राशि जवानों के खाते में जाती है। इसके अलावा सैलरी का 20 से 30 प्रतिशत हिस्सा पीएफ के तौर पर जमा होती है। जवानों को समय-समय पर नियम के अनुसार प्रमोशन भी मिलता है।

लांस नायक के बाद नायक का पद होता है। इसमें जवानों को 25 हजार 500 रुपये कैश इन हैंड मिलता है। हवलदार को 29 हजार 200, नायब सूबेदार को 35 हजार 400 रुपये की सैलरी मिलती है। सूबेदार की तनख्वाह 44 हजार 900 रुपये है। सूबेदार मेजर को 47 हजार 600 रुपये कैश इन हैंड मिलता है। 

क्या अग्निवीरों और नियमित जवानों की सैलरी में कोई फर्क है? 
नहीं, नियमित सैनिकों और अग्निवीरों की तनख्वाह में कोई फर्क नहीं है। अग्निवीरों की सैलरी चारों साल के लिए पहले से तय है, जबकि नियमित सैनिकों की सैलरी में सातवें वेतन आयोग के तहत हर साल तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। मतलब कुछ मिलाकर उतना ही हो जाएगा, जितना एक अग्निवीर को मिलेगा।
 
सेवाकाल के बाद दोनों की सुविधाओं में क्या अंतर है?
चार साल का सेवाकाल समाप्त होने के बाद अग्निवीर को एक मुश्त 11.71 लाख रुपये मिलेंगे। इसी तरह रिटायर होने वाले सैनिक को ग्रेच्युटी के रूप में एक मुश्त रकम मिलती है। सेवाकाल के बाद अग्निवीर की कैंटीन, मेडिकल आदि की सुविधाएं बंद हो जाएंगी। जबकि, नियमित सैनिकों को रिटायर्मेंट के बाद भी कैंटीन, मेडिकल आदि की सुविधा मिलती रहती है। इसके अलावा रिटायर होने के बाद सैनिक को ताउम्र पेंशन भी मिलती है। जो अग्निवीर को नहीं मिलेगी।

इधर केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ' योजना का विरोध और भी तेज होता जा रहा है। इस योजना को वापस लेने के लिए देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी आए दिन उग्र होते जा रहे हैं और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। 

हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे भी सतर्क हो गई है और रविवार को वैशाली एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस व बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सहित 40 एक्सप्रेस ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। जबकि 27 पैसेंजर ट्रेनें भी नहीं चलेंगी। वहीं कांग्रेस पार्टी आज जंतर-मंतर पर अग्निपथ के विरोध में सत्याग्रह करेगी। 

अग्निपथ योजना को लेकर आज फिर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक बुलाई है। तीनों सेना अध्यक्ष के साथ रक्षामंत्री ताजा हालात पर चर्चा करेंगे। इधर भारतीय वायु सेना ने 'अग्निपथ' भर्ती योजना पर विवरण जारी किया है।

60 करोड़ से अधिक यात्रियों ने अपने टिकट रद्द किए
रेलवे के अनुसार 60 करोड़ से अधिक यात्रियों ने अपने टिकट रद्द कर दिए हैं। पटरियों पर व्यवधान और ट्रेनों के रद्द होने से रेलवे को बड़ा आर्थिक झटका लगा है, हालांकि विभाग अभी आधिकारिक अनुमान जारी करने की स्थिति में नहीं है।

प्रदर्शनकारियों ने 700 करोड़ रुपये की रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया
अग्निपथ योजना के विरोध  प्रदर्शनकारियों ने लगभग 700 करोड़ रुपये की रेलवे संपत्ति में तोड़फोड़ की है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एक सामान्य कोच के निर्माण में 80 लाख रुपये की लागत आती है, जबकि एक स्लीपर कोच और एक एसी कोच की लागत क्रमश: 1.25 करोड़ रुपये और 3.5 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है। एक रेल इंजन बनाने के लिए सरकार को 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने पड़ते हैं। 12-कोच वाली पैसेंजर ट्रेन की कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक है और 24-कोच वाली ट्रेन की लागत 70 करोड़ रुपये से अधिक है।

बिहार में अब तक 718 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन करने वाले 718 प्रदर्शनकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है।

 

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