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इस्लामाबाद। पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। शुक्रवार को यहां का शेयर बाजार दो हजार अंकों की गिरावट के बाद क्रैश हो गया। इसके बाद बाजार को अपना कारोबार तक रोकना पड़ा। उधर, आर्थिक संकट से उबरने के लिए पाक सरकार ने अमीरों को 10 प्रतिशत का सुपर टैक्स का एलान किया है। 

इस बीच पैसे बचाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने नया और नायाब तरीका निकाला है। पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं कि वे 'चाय' के बजाय स्थानीय पेय पदार्थ 'लस्सी' या फिर 'सत्तू' को बढ़ावा दें। इस फैसले के पीछे तर्क दिया गया है कि इससे न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा, बल्कि देश में रोजगार भी बढ़ेगा और जनता के लिए आय भी पैदा होगी। 

स्थानीय चाय बगानों को दिया जाए बढ़ावा 
पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि स्थानीय चाय बगानों को बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही लस्सी व सत्तू को भी बढ़ावा मिले। इससे चाय के आयात पर होने वाला खर्च बचेगा और रोजगार भी पैदा होगा।

उधार पर चाय मंगाता है पाकिस्तान 
दरअसल, पाकिस्तान उच्च शिक्षा आयोग की ओर से इस तरह की एडवाइजारी तब जारी की गई है, जब पाक के योजना मंत्री का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में वह देश के लोगों से चाय की खपत कम करने का आग्रह करते हैं। वह कहते हैं कि "मैं देश से चाय की खपत में 1-2 कप की कटौती करने की अपील करता हूं क्योंकि हम कर्ज पर चाय का आयात करते हैं।" उन्होंने लोगों से अपील की कि पाकिस्तान को चाय कर्ज पर मंगानी पड़ती है। इसलिए इसकी खपत को कम किया जाए।