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यंगून। दुनिया में फैल रहे आर्थिक संकट का असर अब म्यांमार में भी देखने को मिल रहा है। म्यांमार के सैनिक शासन ने आयात घटाने के कदमों को और सख्त करने की घोषणा की है। कार और दूसरी गैर जरूरी चीजों के आयात पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। ऐसा विदेशी मुद्रा बचाने के लिए किया गया है। म्यांमार विदेशी मुद्रा के संकट से जूझ रहा है, ऐसी खबरें पहले से आ रही थीं। सरकार के ताजा कदम से इस बात की पुष्टि हो गई है।

विशेषज्ञों के मुताबिक विदेशी निवेश और विदेशी सहायता में गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा के संकट ने गंभीर रूप ले लिया है। म्यांमार के सैनिक शासक अपने अलोकप्रिय फैसले आमतौर पर गोपनीय रखते हैं। आयात पर लगी ताजा रोक की खबर भी असामान्य ढंग से सामने आई। वियतनाम में दक्षिण-पूर्व एशियाई खेल में भाग लेने गए एथलीटों को मिले एक संदेश से ये बात जाहिर हुई। म्यांमार के परिवहन और संचार मंत्रालय की तरफ से भेजे इस संदेश में कहा गया है कि स्वर्ण पदक विजेताओं को पुरस्कार-स्वरूप कार आयात करने की छूट दी जाएगी।

लग्जरी कारों के लिए परमिट नहीं
समझा जाता है कि म्यांमार सरकार ने पिछले साल अक्तूबर के बाद ही लग्जरी कारों के आयात को सीमित कर दिया है। तब से इसके लिए परमिट पाना मुश्किल बना रहा है। परिवहन मंत्रालय ने अब पुष्टि कर दी है कि लग्जरी कारों को देश में लाने के लिए परमिट नहीं दिया जाएगा। हालांकि मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ये रोक अस्थायी है।

बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक म्यांमार के सैनिक शासन के इस निर्णय से लग्जरी कार विक्रेता विदशी कंपनियों को झटका लगा है। म्यांमार के बाजार पर निगाह रखते हुए ऐसी कई कंपनियों ने वहां कारोबार शुरू किया था। अब उनका भविष्य अनिश्चित हो गया है। जापानी कारों के एक विक्रेता ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा- ‘हमने सुना था कि अधिकारी आयात की इजाजत जल्द ही दे देंगे। लेकिन हमें ऐसा होने का कोई संकेत नजर नहीं आता।’

हो सकता है आयात रोकने का फैसला
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि म्यांमार सरकार निर्यात बढ़ाने के उपाय ढूंढने में नाकाम रही है। ऐसे में व्यापार घाटा पाटने के लिए आयात रोकना ही उसके पास अकेला रास्ता रह गया है। म्यांमार में एक फरवरी 2021 को सेना ने नागरिक सरकार का तख्ता पलट दिया था। उस समय देश में 3,931 वस्तुओं के आयात के लिए लाइसेंस प्राप्ति की जरूरत होती थी। इस साल मई में ऐसी वस्तुओं की संख्या बढ़ कर 9,099 हो गई। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर परिधान तक शामिल हैं।

इन उपायों के बावजूद स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है। पिछले मार्च तक म्यांमार सरकार किसी तरह व्यापार घाटे को रोकने में सफल रही थी। इसके लिए उसने पूंजीगत उत्पादों का आयात रोकने का रास्ता अपनाया था। इस कारण मार्च में खत्म हुई छमाही में म्यांमार से जहां 8.1 बिलियन डॉलर का निर्यात किया गया, वहीं 7.9 बिलियन डॉलर का आयात हुआ। मगर अप्रैल में आयात निर्यात से ज्यादा हो गया। उसके बाद से आयात नियंत्रण के कदम और सख्त कर दिए गए हैं।