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काठमांडो। नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज रफ्तार से हो रही गिरावट ने देश में चिंता बढ़ा दी है। अब विदेशी मुद्रा भंडार नेपाल में निर्धारित न्यूनतम सीमा से भी नीचे चला गया है। ये बात नेपाल के सेंट्रल बैंक- नेपाल राष्ट्र बैंक की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों से सामने आई है। इन आंकड़ों से यह संकेत भी मिला है कि नेपाल सरकार ने आयात नियंत्रित करने के जो कदम हाल के महीनों में उठाए, उनसे अपेक्षित लाभ नहीं हो रहा है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक नेपाल के पास अब सिर्फ छह महीने के आयात का बिल चुकाने लायक ही विदेशी मुद्रा है। जबकि नेपाल में तय लक्ष्य यह है कि भंडार में कम से कम सात महीने का बिल चुकाने लायक मुद्रा हमेशा रहे। नेपाल राष्ट्र बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में 21.1 फीसदी की गिरावट आई है। जुलाई 2021 में भंडार में 11.75 बिलियन डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा थी, जो बीते मई में 9.28 बिलियन डॉलर के बराबर रह गई।

सोने के आयात पर शुल्क बढ़ाया
विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट के लक्षण इस साल अप्रैल में ही साफ हो गए थे। तब नेपाल सरकार ने लग्जरी या गैर-जरूरी समझे जाने वाली कम से कम दस चीजों का आयात प्रतिबंधित कर दिया था। इनके तहत शराब और तंबाकू उत्पाद, हीरा, 600 डॉलर से ज्यादा की कीमत वाले मोबाइल फोन, 32 इंच से ज्यादा स्क्रीन वाले टीवी सेट, जीप, कार, 250 सीसी से ज्यादा क्षमता की मोटरसाइकिलें, और कई प्रकार के स्नैक्स शामिल हैं। सोने के जेवरात का आयात भी रोक दिया गया था, जबकि स्वर्ण के आयात पर शुल्क बढ़ा दिया गया था।

अब कई विशेषज्ञों ने कहा है कि संभवतया सरकार आयात पर घोषित प्रतिबंधों को लागू कर पाने में विफल रही है। नेपाल राष्ट्र बैंक के अधिकारियों ने भी इस संभावना से इनकार नहीं किया। बैंक के अनुसंधान खंड के प्रमुख प्रकाश कुमार श्रेष्ठ ने अखबार काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘हमारे पास इस बारे में ब्योरा उपलब्ध नहीं है।’

विशेषज्ञों की राय है कि नेपाल आर्थिक संकट के दरवाजे तक पहुंच गया है। नेपाल राष्ट्र बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक नर बहादुर थापा ने कहा- ‘हम संकट के मुकाम पर हैं। यह बात विदेशी मुद्रा भंडार की मौजूदा हालत से जाहिर होती है। हम लगातार आयात निर्भर देश बनते चले गए हैं। इसलिए हमारे पास हमेशा कम से कम सात से दस महीनों का आयात बिल चुकाने लायक विदेशी मुद्रा होनी चाहिए।’

नेपाल के आयात बिल में इजाफा
नेपाल में आयात में लगातार बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में आयात 41.49 फीसदी है, जबकि 2011-12 में यह संख्या 29.17 फीसदी ही थी। विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल में रोजमर्रा की जिंदगी और विकास कार्य दोनों में आयातित चीजों का अनुपात बढ़ा है। अब विश्व बाजार में कॉमोडिटी के मूल्य में हुई बढ़ोतरी का खराब असर नेपाल की आर्थिक हालत पर पड़ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में सांख्यिकी विभाग के पूर्व प्रमुख मानिक लाल श्रेष्ठ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय बाजार के ट्रेंड के कारण नेपाल के आयात बिल में 20 फीसदी इजाफा हुआ है। जबकि विदेशी मुद्रा की आवक जहां के तहां है।