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लखनऊ। इलाके में दबंगई, कारोबार में वर्चस्व, धोखा और इश्कमिजाजी के कारण लखनऊ में रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या की गई। वीरेंद्र की हत्या की साजिश एक साल पहले से रची गई थी। तीन साल पहले हमले में असफल हो चुके दुश्मन इस बार मौका नहीं चूकना चाहते थे। इस बार वारदात को अंजाम देने के लिए सुपारी किलर का प्रयोग किया गया। 

पुलिस का दावा है कि हत्या के पीछे शहाबुद्दीन गैंग के शूटरों का हाथ है। पुलिस के मुताबिक, बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन गिरोह के शूटर्स ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। बाहुबली शहाबुद्दीन की मौत के बाद से उसका खास गुर्गा रईस खान गिरोह को ऑपरेट कर रहा है। वही ठेकेदार गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर की हत्या में नामजद आरोपी फिरदौस रईस खान का खास आदमी है। पुलिस की एक टीम बिहार में हत्या आरोपी फिरदौस, वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल के अलावा शूटर्स की तलाश में जुटी है। 

वहीं पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा, फिरदौस की चचेरी बहन भी है। पुलिस के अनुसार, जो चार संदिग्ध सीसीटीवी कैमरों में दिखे हैं। उनकी पहचान हो चुकी है। उनका ब्योरा मिल गया है। एक शूटर का ब्योरा आना बाकी है। 

सुरक्षाकर्मियों का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उन पर भी शक की सुई है। पुलिस आरोपियों की तलाश में लखनऊ से बिहार तक दबिश दे रही है।

वीरेंद्र के मोबाइल में मिले कई संदिग्ध नंबर
पुलिस ने वीरेंद्र के मोबाइल के बारे में जानकारी हासिल की। जिसमें दो मोबाइल नंबर सक्रिय होने की बात सामने आई। पुलिस ने इन दोनों नंबरों की कॉल डिटेल निकलवा चुकी है। जिसमें कई संदिग्ध नंबर मिले हैं। कुछ नंबरों पर लगातार बातचीत होने की बात सामने आई। 

इन नंबरों पर ही जब पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो कई सुराग हाथ लगे हैं। पत्नी खुशबुन तारा से मिली कई जानकारियों से भी पुलिस को मदद मिली। इसी वजह से पुलिस की एक और टीम बिहार सोमवार सुबह बिहार रवाना कर दी गई।

जेल में बंद आरोपी से भी हुई पूछताछ
वीरेंद्र पर चारबाग के पूर्वोत्तर रेलवे प्लेटफार्म के बाहर स्टैंड पर दो जुलाई 2019 हमला हुआ था। इस हमले में उसे रीढ़ की हड्डी में गोली लगी थी। लेकिन वह बच गया। 

वहीं इस हमले के बाद से वह दिव्यांग हो गया। इस वारदात में जीआरपी ने चार लोगों को जेल भेजा था। जिनमें तीन  जमानत पर बाहर है , वहीं एक आरोपी जेल में है। पुलिस ने जेल में बंद आरोपी का बयान दर्ज कराया।

निजी सुरक्षाकर्मी गायब, तलाश जारी
वीरेंद्र ने शाहजहांपुर के जिन तीन गार्ड को अपनी सुरक्षा के लिये रखा था। वह भी काम नहीं आये थे। पता चला था कि गार्ड ने ही दरवाजा खोलकर वीरेंद्र का कमरा बताया था। 

इधर बदमाश वीरेंद्र के कमरे में गए, उधर गार्ड फरार हो गये। पुलिस की टीम शाहजहांपुर गई तो वहां ताला बंद मिला। घर वाले भी फरार हो गये हैं। मोबाइल नंबर बंद है। उनके कई रिश्तेदारों से पुलिस ने पूछताछ की लेकिन कोई जानकारी नहीं दे सका।