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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यहां राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।

श्रीमती मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली की स्थिरता बनाए रखने में मुद्राकोष की बड़ी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने विश्व में विविधताओं को देखते हुए जी20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के लिए समावेश और लचीलेपन के सिद्धांतों पर आधारित प्रयास किए जाने पर बल दिया।

राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार सुश्री जॉर्जीवा का स्वागत करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि दुनिया कोविड महामारी के तीसरे वर्ष से गुजर रही है। उन्होंने मुद्राकोष और विश्व बैंक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इन बहुपक्षीय संस्थानों द्वारा संकट के इस दौर में कई कम आय वाले देशों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की गई है। बयान के मुताबिक राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली की स्थिरता बनाए रखने में मुद्राकोष को अहम भूमिका निभानी है।

राष्ट्रपति ने मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक से कहा, “ भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत का स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र दुनिया में उच्च स्थान पर है। हमारे देश में स्टार्ट-अप की सफलता, विशेष रूप से यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या, हमारी औद्योगिक प्रगति का एक चमकदार उदाहरण है। इससे भी अधिक खुशी की बात यह है कि हमारे देश का विकास अधिक समावेशी होता जा रहा है और क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं।  

उन्होंने कहा कि आज के भारत का मूल मंत्र है करुणा, दलितों के लिए करुणा, जरूरतमंदों के लिए करुणा और हाशिए पर रहने वालों के लिए करुणा।
भारत में अगले वर्ष होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे में श्रीमती मुर्मू ने कहा कि विश्व में विविधता को देखते हुए जी-20 में बहुपक्षीय सहयोग समावेश और लचीलेपन के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि भारत की अध्‍यक्षता के दौरान जी-20 फोरम सभी के लिए शांतिपूर्ण, टिकाऊ और समृद्ध विश्‍व के निर्माण की दिशा में बहुपक्षवाद और वैश्विक शासन को और मजबूत करने के प्रयास करने की आकांक्षा के साथ आगे बढ़ेगा।