नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सिंगल फेज में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जायेगी और इसी दिन से राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी। श्री कुमार ने सवालों के जवाब में बताया कि गुजरात विधानसभा के चुनाव हिमाचल प्रदेश के साथ नहीं कराये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार 25 अक्टूबर तक नामांकन दायर कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को की जायेगी और उम्मीदवार 29 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को पूरा हो रहा है और उससे पहले विधानसभा का गठन हो जायेगा। विधानसभा में 17 सीटें अनुसूचित जाति और तीन अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
श्री कुमार ने कहा कि आयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन या मुफ्त सामान बांटने के प्रयासों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके लिए राज्य में शाम पांच बजे से अगले दिन सुबह दस बजे तक नकदी के लाये और ले जाने पर पूरी तरह रोक रहेगी । उन्होंने कहा कि साड़ी और मिक्सी तथा अन्य ऐसी ही वस्तुओं के लाये तथा ले जाने पर भी निगाह रखी जायेगी। चुनाव के दौरान राज्य की सीमा सील रहेंगी और आयोग प्रवर्तन एजेन्सियों के माध्यम से हवाई अड्डों और निजी हवाई पट्टियों पर भी निगाह रखेगा।
8 जनवरी को खत्म हो रहा हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। इनमें 20 सीटें आरक्षित हैं। 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं। 2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव में भाजपा 44, तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट पर CPI(M) और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।
मुख्यमंत्री पद के दावेदार कौन-कौन?
भाजपा से वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे बड़े दावेदार हैं। अगर 2017 की तरह कोई बड़ा उलटफेर होता है तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकते हैं। कांग्रेस की ओर से मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी दावेदारों की सूची में शामिल है।
2017 में जो चेहरा थे, अब नहीं
सत्ता में रहते हुए कांग्रेस तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 2021 में वीरभद्र सिंह का निधन हो गया। इस बार कांग्रेस में दावेदार कई हैं, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं। बात भाजपा की करें तो पार्टी 2017 के चुनाव में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी थी। भाजपा हाईकमान ने धूमल को हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से टिकट दिया और वहां से धूमल चुनाव हार गए थे। इसके बाद भाजपा हाईकमान ने जयराम ठाकुर को सीएम बनाया।
4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबैंसी का भी असर
हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी और पुलिस पेपर लीक मामला शामिल है। इसके अलावा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी का भी असर हो सकता है। पिछले साल 3 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को सभी सीटों पर हार मिली थी।
मोदी ने मोर्चा संभाला, प्रियंका की भी रैली
हिमाचल में दोबारा सरकार बनाने के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री पिछले 17 दिनों में अब तक 4 रैलियां कर चुके हैं। इधर, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को शिमला के सोलन में रैली भी की। आगे भी वे रैलियां करेंगी।