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बेंगलुरू/नई दिल्ली। केजीएफ फेम यश ने हाल ही में एक इंटरव्यू में साउथ फिल्मों की सफलता के बारे में बात की है। यश नॉर्थ की फिल्में रिजेक्ट करने पर बोले नॉर्थ में पहले साउथ की फिल्मों का मजाक उड़ाया जाता था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एसएस राजामौली ने फिल्म 'बाहुबली' के जरिए सब कुछ बदल दिया और तभी से साउथ की फिल्मों को नार्थ में सम्मान भी मिलने लगा।

यश ने 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' में कहा कि 10 साल पहले नॉर्थ में हिंदी में डब की हुई साउथ की फिल्में बहुत पॉपुलर थीं। लेकिन शुरुआत में इन फिल्मों को लेकर यहां के लोगों की अलग-अलग राय थी। लोग तब साउथ की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे। लोग कहते थे कि ये क्या एक्शन है, उड़ रहे हैं सब। लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसे पसंद करना शुरू किया। उन्होंने इस आर्ट फॉर्म को समझना शुरू किया। तब प्रॉब्लम यह थी कि हमारी फिल्में कम रेट में बिकती थीं और उनकी डबिंग बहुत ही खराब की जाती थी। उन्हें बहुत ही खराब तरीके से और फनी नामों के साथ प्रेजेंट भी किया जाता था।'

यश ने की राजामौली की तारीफ
यश ने आगे कहा कि लोगों ने हमारी डब की हुई फिल्मों को समझना शुरू किया। मैं इसका क्रेडिट एसएस राजामौली सर को देना चाहता हूं। 'बाहुबली' से हमें वो रास्ता मिला। 'केजीएफ' को एक अलग सोच के साथ बनाया गया था। इसे किसी को डराने के लिए नहीं बल्कि इंस्पायर करने के लिए बनाया गया है। लोगों ने अब साउथ की फिल्मों पर ध्यान देना शुरू किया है और मैं इससे बहुत खुश हूं।

मुझे निगेटिव चीजों का सामना करना पड़ा था
यश ने ऋषभ शेट्टी की हालिया रिलीज फिल्म 'कंतारा' के बारे में बात करते हुए कहा, 'ये 'कंतारा' भी मेरी फिल्म है। आपने कहा कि ये मेरी फिल्म नहीं बल्कि तो मैं आपको बता दूं कि ये मेरी भी फिल्म है। मैं अपनी इंडस्ट्री को अलग नजरिए से देखता हूं और इसमें बदलाव की जरूरत है। लोगों के अंदर टैलेंट और कॉन्फिडेंस की कमी नहीं है, लेकिन हमें खुद को इससे बाहर निकालना पड़ेगा। लोग आपके बारे में बात करेंगे और आपको जज भी करेंगे, लेकिन लोगों की उस धारणा को तोड़ने के लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी। जब मैंने अपना करियर शुरू किया था, तब मुझे भी निगेटिव चीजों का सामना करना पड़ा था।'

कोई इंडस्ट्री बड़ी या छोटी नहीं होती है
यश आगे कहते हैं, 'हमारी एक छोटी सी इंडस्ट्री है और इसमें कई लिमिटेशन्स भी हैं। हम बाकी इंडस्ट्रीज के साथ कम्पटीशन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास पहले ही फिल्मों के लिए बड़ा बजट और बड़ी मार्किट है। कई लोग ये भी कहते होंगे कि कन्नड़ इंडस्ट्री इसे नहीं बना पाएगी। तो मैं उन्हें बस ये कहना चाहता हूं कि कोई इंडस्ट्री बड़ी या छोटी नहीं होती है।'