0 केजरीवाल बोले- पीएम मोदी के आशीर्वाद से विकास करेंगे
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में पिछले 15 साल से काबिज भाजपा का पत्ता साफ हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने यहां बहुमत से जीत दर्ज की है। स्टेट इलेक्शन कमीशन के मुताबिक 250 सीटों वाले एमसीडी में आप को 134 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से 8 ज्यादा हैं। वहीं भाजपा को 104, कांग्रेस को 9 और 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई है।
एमडीसी में आप की जीत पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बधाई दी। पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- दिल्ली की जनता ने अपने बेटे और भाई को दिल्ली की सफाई और भ्रष्टाचार खत्म करने की जिम्मेदारी दी है। हमें केंद्र सरकार का भी सहयोग चाहिए। प्रधानमंत्री जी का भी आशीर्वाद चाहिए।
दिग्गजों के क्षेत्र में आप पिछड़ी
मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में 4 सीटें हैं। भाजपा ने 3 पर जीत दर्ज की। आप के खाते में एक ही सीट आई। उधर, जेल में बंद सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र में 3 वार्ड हैं। पार्टी तीनों पर भाजपा से हार गई। केजरीवाल के वार्ड नंबर 74 चांदनी चौक से पार्टी के उम्मीदवार पुनर्दीप सिंह ने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया। उधर, आप विधायक अमानतुल्लाह के वार्ड नंबर 189 जाकिर नगर से कांग्रेस विजयी हुई।
इस बार 3% कम हुआ मतदान
दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार करीब 50% मतदान हुआ है। 2017 में 53.55% मतदान हुआ था। यानी अब तक के आंकड़ों की तुलना करें तो इस बार 3% तक कम वोटिंग हुई है।
लोगों ने कट्टर ईमानदार को जितायाः संजय सिंह
पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर हमला बोला है। सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कट्टर ईमानदार हैं, लोगों ने ईमानदार को जिताया है। भाजपा के किले को ध्वस्त करने का काम केजरीवाल ने किया। भाजपा अभी भी कह रही है मेयर हमारा होगा, जबकि उनकी 20-25 सीटें कम हैं। भाजपा खोखा पार्टी है। दिल्ली का मेयर भी हमारा होगा। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी वालों 17 केंद्रीय मंत्री और 8 मुख्यमंत्री दिल्ली में लगाए, फिर भी जनता ने केजरीवाल को जिताया है। यह बहुत बड़ी जीत है। वहीं, केजरीवाल सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आज दिल्ली के लोगों ने इतिहास रचा है। दिल्ली से नई शुरुआत हुई है। बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। अब तक भाजपा कहती रही है कि केजरीवाल तो कांग्रेस को हराते हैं, लेकिन दिल्ली ने दिखा दिया कि भ्रष्टाचार का एक ही काल है। वह है केजरीवाल।
दिल्ली की राजनीति में एमसीडी इतनी अहम क्यों?
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और एमसीडी। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि एमसीडी उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि एमसीडी भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।
एमसीडी क्या काम करती है?
0 जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
0 प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव।
0 वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी एमसीडी देती है।
0 एमसीडी के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन पॉइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
0 एमसीडी का काम यह सुनिश्चित करना है कि इमारतों का निर्माण उसके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार हो।
0 एमसीडी श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।