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मैनचेस्टर। मैनचेस्टर के चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हुई हिंसा के मामले में चीन को कार्रवाई करनी पड़ी है। चीन ने अपने 6 राजनयिकों को ब्रिटेन से वापस बुला लिया है। इनमें वरिष्ठ राजनयिक झेंग जियुआन भी शामिल हैं। झेंग चीन के मैनचेस्टर के वाणिज्य दूतावास के इन्चार्ज थे। झेंग और उनके स्टाफ पर 16 अक्टूबर के दिन मैनचेस्टर ऑफिस के बाहर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी के साथ मार-पीट करने के आरोप लगे थे।

ब्रिटिश सरकार ने इन 6 राजनयिकों से अपनी डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी छोड़ने को कहा था जिससे उनसे अक्टूबर की घटना के बारे में पूछताछ की जा सके। डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी के तहत राजनयिकों और उनके परिवार वालों को स्पेशल अधिकार मिलते हैं। उनपर किसी अपराध या सिविल केस के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता और ना ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी छोड़ने की समय सीमा खत्म होने से पहले ही चीन ने अपने 6 अधिकारियों को वापस बुला लिया।

सामान्य रोटेशन के तहत वापस बुलाए गए राजनयिक: चीन
ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लीवर्ली ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर हुई शर्मनाक हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि अब इन 6 अधिकारियों से पूछताछ नहीं की जा सकेगी। वहीं चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि झेंग और बाकी अधिकारियों को सामान्य रोटेशन के तहत वापस चीन बुलाया गया है।

हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हुई थी मारपीट
दरअसल, 16 अक्टूबर के दिन हांगकांग के कुछ लोकतंत्र समर्थक चीन के मैनचेस्टर ऑफिस के बाहर इकट्ठे हुए थे। ये लोग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल मिलने का विरोध कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के पोस्टर-बैनर फाड़े गए और उनके साथ मारपीट भी की गई। एक प्रदर्शनकारी बॉब चान को तो ऑफिस के अंदर खींचकर पीटा गया था। पुलिस ने बीच बचाव कर बॉब को बचाया था। अब चीनी राजनयिकों की वापसी पर बॉब ने खुशी जताई है।

वरिष्ठ सांसद ने झेंग पर लगाए थे आरोप
स झड़प के कुछ फोटो में झेंग नजर आए थे। कंजर्वेटिव पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने उनपर बॉब को पीटने के आरोप लगाए थे। हालांकि झेंग ने इन आरोपों से इनकार किया था। लेकिन बाद में उन्होंने कहा था- बॉब मेरे देश, मेरे नेता को गाली दे रहे थे। मैं अपने साथियों को बचाने की कोशिश कर रहा था। ऐसा करना मेरी ड्यूटी थी।

वापस ना बुलाए जाने पर ब्रिटेन करता कार्रवाई
यूके के अधिकारियों ने कहा है कि अगर ये राजनयिक डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी नहीं छोड़ते और वापस भी नहीं जाते तो हम इन पर कार्रवाई करते। इन्हें यूके से बाहर निकाला जा सकता था या ‘पर्सना नॉन ग्राटा’ घोषित किया जाता। ‘पर्सना नॉन ग्राटा’ के तहत मेजबान देश किसी राजनयिक के काम करने पर रोक लगा देता है। इसके बाद मूल देश को अपने राजनयिक को वापस बुलाना होता है। जिसके बाद राजनयिक को एक तय समय सीमा के भीतर अपने देश वापस वापस जाना होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन ने इस कार्रवाई से बचने के लिए ही अपने राजनयिकों को वापस बुलाया।