0 इसके बाद ओली को मिल सकती है कमान; कल शपथ
काठमांडू। पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड नेपाल के अगले प्रधानमंत्री होंगे। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने रविवार शाम उनकी नियुक्ति की घोषणा की। इससे पहले प्रचंड ने पूर्व प्रधानमंत्री और चीन के करीबी माने जाने वाले कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली समेत 5 अन्य गठबंधन पार्टियों के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया। प्रचंड सोमवार शाम 4 बजे शपथ लेंगे।
प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बनेंगे। पहली बार वे 2008 से 2009 और दूसरी बार 2016 से 2017 में प्रधानमंत्री बने थे। समझौते के तहत शुरुआती ढाई साल तक प्रचंड पीएम रहेंगे। इसके बाद CPN-UML सत्ता संभालेगी। इसके मायने ये हुए कि पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे। खास बात यह है कि ये दोनों ही नेता चीन समर्थक माने जाते हैं।
नेपाली कांग्रेस को समर्थन देने से इनकार
इसके पहले, प्रचंड ने सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस को समर्थन देने से इनकार कर दिया। इस गठबंधन को भी छोड़ दिया। दो साल पहले प्रचंड ओली सरकार का हिस्सा थे। इसके बाद उन्होंने अपने 7 मंत्रियों से इस्तीफे दिलाए और ओली को कुर्सी छोड़ने पर मजबूर कर दिया। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सभी पार्टियों से कहा था कि वो रविवार तक सरकार गठन पर आखिरी फैसला कर लें।
नेपाली कांग्रेस से प्रचंड ने इसलिए तोड़ा गठबंधन
दरअसल, ये पूरा मामला सत्ता पाने की खींचतान से जुड़ा है। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी मिलकर सरकार तो बनाने के लिए तैयार थे, लेकिन बारी-बारी से प्रधानमंत्री का पद चाहते थे। प्रचंड की पार्टी चाहती है कि दोनों ही पार्टियां ढाई-ढाई साल के लिए सरकार चलाएं।
मामला यहां तक भी ठीक था और खबरों के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस इसके लिए तैयार भी हो गई थी। इसमें दिक्कत तब आई जब सीपीएन ने नई शर्त यह रखी कि वो पहले सरकार चलाएगी। यानी वर्तमान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से पहले प्रचंड प्रधानमंत्री बनें।
नेपाली कांग्रेस सीपीएन का रिकॉर्ड देखते हुए उस पर भरोसा करने को तैयार नहीं थी। लिहाजा, आशंका ये थी कि कहीं ढाई साल सत्ता में रहने के बाद सीपीएन कोई बहाना बनाकर समर्थन वापस न ले ले। यहीं आकर पेंच फंसा। इसके बाद प्रचंड ने ओली की तरफ हाथ बढ़ा दिया।
नेपाली संसद की स्थिति
कुल सीटेंः 275, बहुमत के लिए जरूरी सीटेंः 138
प्रचंड-ओली गठबंधनः 169 सीटें
नेपाली कांग्रेसः 89 सीटें