0 90% रॉकेट-मिसाइल और ड्रोन मार गिराएगा
तेल अवीव। डिफेंस सेक्टर में इजराइल ने एक और कामयाबी हासिल की है। उसके डिफेंस साइंटिस्ट्स ने नेवी के लिए भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम सी-डोम (C-Dome) तैयार कर लिया है। अगले हफ्ते ये इजराइली नेवी को सौंप दिया जाएगा।
इजराइल की सेना के पास पहले ही जमीन पर तैनात किया जाने वाला आयरन डोम है। अब इसका नेवल वर्जन भी तैयार है। दोनों ही सिस्टम अपनी रेंज में आने वाले 90% से ज्यादा मिसाइल या रॉकेट्स को मार गिराने की ताकत रखते हैं।
डिफेंस मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में इजराइल की एक और कामयाबी उसका लेजर गाइडेड मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी है। इसकी खूबियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
7 महीने पहले तैनाती
‘डिफेंस वर्ल्ड’ की एक रिपोर्ट में सी-डोम के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया- पिछले साल नवंबर में सी-डोम को इजराइल के एडवांस्ड वॉरशिप सार-6 पर तैनात किया गया था। हालांकि, तब इजराइली डिफेंस मिनिस्ट्री या नेवी ने इसके बारे में चुप्पी साध ली थी। पिछले हफ्ते सी-डोम का एक और कामयाब टेस्ट हुआ। इसके बाद यह खबर मीडिया में आई। अब इजराइल ने माना है कि सी-डोम को उसने अपने शिप और वॉरशिप पर तैनात कर दिया है।
खास बात यह है कि सार-6 नाम से इजराइल के पास एक नैचुरल गैस प्लेटफॉर्म भी है। इसके फ्यूल का इस्तेमाल इजराइली नेवी भी करती है। सी-डोम के बारे में डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट ने कहा- यह साबित करता है कि डिफेंस सेक्टर में हम कितने आगे हैं। हम अपनी समुद्री सरहद की हिफाजत कर सकते हैं।
ईरान से खतरा ज्यादा
इजराइल के तमाम तरह के समुद्री जहाजों को सबसे बड़ा खतरा ईरान से है। पिछले साल नवंबर में इजराइल के एक लग्जरी प्राईवेट शिप को ईरान की नेवी ने घेर लिया था। इसके बाद इजराइली नेवी ने उसे बचाया था। इजराइली डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि सी डोम कई मायनों में बेहद खास है। इससे हम रॉकेट्स, क्रूज मिसाइल्स और ड्रोन्स को भी मार गिरा सकते हैं। ये इसलिए भी खास है, क्योंकि इसमें लगे सेंसर अपनी तरफ आ रहे किसी भी ऑब्जेक्ट को कई किलोमीटर पहले ही पकड़ लेते हैं। इसके बाद काउंटर अटैक यानी जवाबी हमले की तैयारी की जाती है।
फिलिस्तीन के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच अकसर तनाव होता है। फिलिस्तीन का आतंकी संगठन हमास इजराइल पर हजारों रॉकेट्स दागता है। इनमें से 2% ही इजराइल की सरजमीं पर पहुंच पाते हैं। इसकी वजह इजराइल के पास मौजूद आयरन डोम सिस्टम है।
2006 में इजराइल-लेबनान युद्ध के दौरान 4000 रॉकेट उत्तरी इजराइल पर दागे गए थे। वहीं, 2000 और 2007 में गाजा की ओर से भी दक्षिणी इजराइल पर भी 4000 रॉकेट हमले किए गए थे। इन हमलों से बचने के लिए इजराइल को ऐसी तकनीक का विचार आया, जिसमें रॉकेट हमले की पहचानकर उसे विफल किया जा सके।