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0 पीएम ने कहा-अमेरिका में आपने भारत का सम्मान देखा होगा, वजह- हमारे युवाओं पर विश्व का भरोसा
0 पीएम मोदी अचानक मेट्रो सफर कर दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह शामिल हुए। दिल्ली मेट्रो में सफर कर विश्वविद्यालय पहुंचे श्री मोदी ने विद्यार्थियों के साथ खुली और बेबाक बातचीत करने हुए विश्वविद्यालय जीवन के हर पहलू का उल्लेख किया और कहा कि युवाओं को कॉलेज जीवन को जी भर कर जीते हुए अपनी तथा देश की भलाई की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब छात्र किसी संस्थान में एडमिशन से पहले प्लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। एडमिशन का मतलब डिग्री और डिग्री का मतलब नौकरी होता था। शिक्षा यहीं तक सीमित थी। पीएम मोदी ने कहा कि बरसों की गुलामी ने हमारे शिक्षा के मंदिरों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका गया था, आपने भारत का सम्मान देखा होगा। इसकी वजह हमारे युवाओं पर विश्व का भरोसा है।

उन्होंने कहा कि आज युवा जिंदगी को इसमें बांधना नहीं चाहता है। वह कुछ नया करना चाहता है। अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है। 2014 से पहले भारत में सिर्फ कुछ सौ स्टार्टअप थे। आज इनकी संख्या एक लाख को पार कर गई है। कुछ दिन पहले अमेरिका की यात्रा पर गया। आपने देखा होगा कि भारत का सम्मान और गौरव कितना बढ़ा है, क्योंकि भारत की क्षमता और भारत के युवाओं पर विश्व का भरोसा बढ़ा है।'

डीयू ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को देखा और जिया है
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्‍ली यूनिवर्सिटी का इतिहास खास है। यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक मूवमेंट है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को देखा और जिया है। आज डीयू में पढ़ने वाले लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा हो गई हैं। इसी तरह देश में भी जेंडर रेश्यो में सुधार आया है। शिक्षण संस्थान की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, देश की शाखाएं उतनी ही ऊंचाइयों को छूती हैं। भविष्य के लिए भी यूनिवर्सिटी और देश के संकल्पों में एकरूपता होनी चाहिए। 100 साल पहले स्वतंत्रता लक्ष्य था। अब लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण है। पिछली शताब्दी के तीसरे दशक में स्वतंत्रता संग्राम को नई गति दी। इस शताब्दी का ये तीसरा दशक भारत की विकास यात्रा को नई रफ्तार देगा। आज देशभर में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय बनाए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी और आईआईएम जैसी संस्थाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। ये न्यू इंडिया के बिल्डिंग ब्लॉक हैं।'
'शिक्षा सिर्फ सिखाने नहीं, सीखने की भी प्रक्रिया है। लंबे समय तक शिक्षा का फोकस इसी बात पर रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। हमने शिक्षा का फोकस इस पर भी किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। आप सबके प्रयास से नई शिक्षा नीति तैयार हुई। छात्र अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।

डीयू को दुनिया में शीर्ष पर ले जाने में जुटें छात्र तथा शिक्षक 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से अगले 25 वर्षों में विश्वविद्यालय को विश्व की शीर्ष रैंकिंग में पहुंचाने के लिए दिन रात एक करने का आह्वान करते हुए कहा है कि सभी को इस संकल्प को पूरा करने में भागीदारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि देश के युवा सफलता की नयी कहानी लिखने में सक्षम हैं और वे अपने विश्वविद्यालयों को श्रेष्ठ बनाकर अगले 25 वर्षों में विकसित भारत के निर्माण में भी योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने कहा भारत की सॉफ्ट पावर भारतीय युवाओं की सफलता की कहानी बन सकती है। इस सबके लिए हमारी यूनिवर्सिटीज़ को, हमारे संस्थानों को तैयार होना है, अपने माइंडसेट को तैयार करना है। हर यूनिवर्सिटी को अपने लिए एक रोडमैप बनाना होगा, अपने लक्ष्यों को तय करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि जब अगले 25 वर्षों में इस संस्थान की स्थापना के 125 वर्ष पूरे हों तो इसकी गिनती दुनिया की शीर्ष रैकिंग वाले विश्वविद्यालयों में हो, इसके लिए सभी को प्रयास बढाना होगा। उन्होंने कहा कि आपके यहां भविष्य का निर्माण करने वाले नवाचार हों, दुनिया के श्रेष्ठ और लीडर्स आपके यहाँ से निकलें, इसके लिए आपको लगातार काम करना होगा। 

किसी लक्ष्य को हासिल करने में शिक्षण संस्थानों की अहम जिम्मेदारी
श्री मोदी ने कहा कि किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए लोगों के मन मस्तिष्क को तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों की ही होती है। उन्होंने कहा ,“ जब हम अपने जीवन में कोई लक्ष्य तय करते हैं, तो उसके लिए पहले हमें अपने मन-मस्तिष्क को तैयार करना होता है। एक राष्ट्र के मन-मस्तिष्क को तैयार करने की ये ज़िम्मेदारी उसके शैक्षणिक संस्थानों को निभानी होती है। हमारी नई पीढी भविष्य के लिए तैयार हो , वो चुनौतियों को स्वीकार करने और उनका सामना करने का स्वभाव रखती हो, ये शिक्षा संस्थान के विज़न और मिशन से ही संभव होता है।”

डीयू संकल्पों को जरूर पूरा करेगी

पिछली शताब्दी में देश के स्वतंत्रता संग्राम में विश्वविद्यालयों के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जतायी कि दिल्ली विश्वविद्यालय इन सपनों को जरूर पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है, दिल्ली यूनिवर्सिटी अपनी इस यात्रा को आगे बढ़ाते हुये इन संकल्पों को जरूर पूरा करेगी। 25 साल बाद, जब देश अपनी आज़ादी के 100 साल पूरे करेगा, तब दिल्ली यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना के 125 वर्ष मनाएगी। तब लक्ष्य था भारत की स्वतंत्रता, अब हमारा लक्ष्य है 2047 तक विकसित भारत का निर्माण। पिछली शताब्दी के तीसरे दशक ने, अगर पिछली शताब्‍दी के इतिहास की तरफ नजर करें तो पिछली शताब्‍दी के तीसरे दशक ने स्वतंत्रता संग्राम को नई गति दी थी। अब इस शताब्दी का ये तीसरा दशक भारत की विकास यात्रा को नई रफ्तार देगा। आज देशभर में बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी, कॉलेज बनाए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी, आईआईएम,एनआईटी और एम्स जैसी संस्थाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। ये सभी संस्थान न्यू इंडिया के बिल्डिंग ब्लॉक्स बन रहे हैं।”

शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ये सीखने की भी प्रक्रिया है

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ये सीखने की भी प्रक्रिया है। लंबे समय तक शिक्षा का केन्द्र इसी बात पर रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन सरकार ने ‘ फोकस ’इस बात पर भी शिफ्ट किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार हुई है। अब छात्रों को ये बड़ी सुविधा मिली है कि वो अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।
श्री मोदी इस मौके पर विश्वविद्यालय में लगी प्रदर्शनी भी देखने गये और वहां मौजूद लोगों के साथ बातचीत भी की। 

पीएम मोदी अचानक मेट्रो से डीयू पहुंचे
पीएम मोदी अचानक मेट्रो से सफर कर डीयू पहुंचे। वे सुबह 11 बजे लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन गए। यहां उन्होंने टिकट काउंटर से टोकन लिया और उसके बाद वे प्लेटफॉर्म पहुंचे। मेट्रो में यात्रियों के साथ बातचीत भी की। दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं।

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