0 जज ने पूछा- एएसआई की कानूनी पहचान क्या है?
प्रयागराज। ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 3 अगस्त को इस पर फैसला सुनाएगी। मसाजिद इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी।
सरकार की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई कि मंदिर सीआईएसएफ की सुरक्षा में है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष से सवाल पूछा कि वाद तय करने में देरी क्यों हो रही है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट कार्यवाही की जानकारी दी।
मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने कोर्ट से कहा कि 1947 से भवन की यही स्थिति है, जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। प्लेस आफ वर्शिप एक्ट की धारा 3 कहती है कि कोई व्यक्ति पूजा स्थल की प्रकृति में बदलाव नहीं कर सकेगा।
इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना था। के एएसआई के अपर निदेशक ने हलफनामा जारी किया। बताया कि सर्वे से भवन को कोई नुकसान नहीं होगा। न ही कोई निर्माण हटाया जाएगा। इसके बाद सर्वे पर लगी रोक गुरुवार शाम पांच बजे तक बढ़ा दी गई। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की खंडपीठ में सुनवाई हुई।