0 सीक्रेट लेटर चोरी केस में कोर्ट का फैसला
0 तोशाखाना केस में मिल चुकी है जमानत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सीक्रेट लेटर चोरी (साइफर गेट केस) मामले में 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। वो 13 सितंबर तक जेल में ही रहेंगे। ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत बनी स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को ये फैसला सुनाया।
इससे पहले मंगलवार को इमरान को सरकारी खजाने (तोशाखाना) के तोहफे बेचने के मामले में बेल मिल गई थी। हालांकि, फिर भी वो जेल से रिहा नहीं हो सके थे। इसकी वजह ये थी कि उनके खिलाफ सीक्रेट लेटर चोरी (साइफर गेट केस) मामले में वारंट जारी थे। लिहाजा उन्हें ज्यूडिशियल रिमांड पर माना गया था।
इसके अलावा खान के खिलाफ तीन केस ऐसे हैं, जिनमें जांच एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं। ये हैं- अल-कादिर ट्रस्ट स्कैम, महिला जज को धमकी देने और हलफनामे में बेटी (टायरिन व्हाइट) का नाम छिपाना।
मंगलवार को क्यों रिहा नहीं हो सके इमरान
0 इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने खान को तोशाखाना केस में बेल दी और तीन साल की सजा पर भी रोक लगा दी। रिहाई के ऑर्डर भी जारी कर दिए। इसके बाद सरकारी वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि खान के खिलाफ दो हफ्ते पहले साइफर गेट केस में वारंट जारी किया गया था। वो इस मामले में ज्यूडिशियल रिमांड पर हैं।
0 तोशाखाना केस में इमरान की पत्नी बुशरा भी आरोपी हैं। वो अब तक जांच एजेंसियों के सामने पेश होने से बचती रही हैं। कुछ दिन पहले बुशरा को पूछताछ के लिए समन जारी किए गए थे। वो जब पेश नहीं हुईं तो जांच एजेंसियों ने यह समन अखबार में पब्लिश करा दिए थे। पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘दुनिया न्यूज’ के मुताबिक- इमरान के बाद बुशरा को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
0 इमरान पर तीन केस ऐसे हैं, जिनमें उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। यही वजह है कि फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की टीमें उनका इंतजार कर रही हैं। लिहाजा बुधवार को उन्हें जमानत मिल भी जाती है तो बहुत मुमकिन है कि उन्हें इन दोनों में से कोई जांच एजेंसी जेल के बाहर ही गिरफ्तार कर ले।