0 स्मृति ईरानी बोलीं- ये उम्मीद और विश्वास का नया नाम
नई दिल्ली। नई दिल्ली में शनिवार से जी20 समिट शुरू हो गई है। इस वर्ल्ड मेगा इवेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में जब उद्घाटन भाषण दिया, तो जो तस्वीर सामने आई उसने सबका ध्यान खींचा। पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया नहीं भारत लिखा था।
ये पहला मौका है जब किसी इंटरनेशनल इवेंट में प्रधानमंत्री की सीट के सामने देश का नाम इंडिया नहीं लिखा गया है। पिछली जी20 बैठक इंडोनेशिया के बाली में 14 से 16 नवंबर को हुई थी। तब पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया ही लिखा था।
इस मौके पर स्मृति ईरानी ने पीएम की तस्वीर शेयर करके कहा कि उम्मीद और विश्वास का नाम- भारत।
मोदी के इंडोनेशिया दौरे के कार्ड पर भी भारत लिखा
पीएम मोदी के 5 सितंबर को आसियान समिट के इंडोनेशिया दौरे पर भी इंडिया की जगह भारत लिखा था। पीएम मोदी के इस दौरे के कार्यक्रम से जुड़ा एक कार्ड भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया एक्स (पहले टि्वटर) पर शेयर किया था। जिसमें 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत' लिखा नजर आ रहा है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा था कि हम भी अपने गठबंधन को 'अलायंस फॉर बेटरमेंट, हारमनी एंड रिस्पॉन्सिबल एडवांसमेंट फॉर टुमारो' (B.H.A.R.A.T) कह सकते हैं। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि सरकार को ब्रिटिश शासन से कोई समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए। आजादी से पहले यह वायसराय हाउस था। नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को त्याग दें। सब भारत बना दो। सब खाली करा दो और जरूरत पड़े तो उसे गोले से उड़ा दो।
आजादी के बाद संविधान सभा में भारत के नामों पर हुई चर्चा
क्या इसे महज इत्तेफाक माना जाए? ठीक 74 साल पहले 18 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एचवी कामथ ने देश का नाम इंडिया से बदल कर भारत या भारत-वर्ष करने का संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। इस पर बहस हुई। हालांकि यह वोटिंग के बाद गिर गया था। संविधान सभा की बहस के दौरान 'संघ का नाम और राज्य क्षेत्र' खंड चर्चा के लिए पेश हुआ। जैसे ही अनुच्छेद 1 पढ़ा गया- 'India, that is Bharat, shall be a Union of States'। संविधान सभा में इसे लेकर मतभेद उभर आए। फॉरवर्ड ब्लॉक के सदस्य हरि विष्णु कामथ ने अंबेडकर कमेटी के उस मसौदे पर आपत्ति जताई, जिसमें देश के दो नाम इंडिया और भारत थे।
संविधान में लिखा गया- इंडिया, जो कि भारत है
74 साल पहले 18 सितंबर 1949 को संविधान सभा में देश के नाम पर चर्चा हुई थी। अंबेडकर की ड्राफ्ट कमेटी ने सुझाव दिया था- India, that is, Bharat. इस पर काफी बहस हुई। आखिरकार सारे संशोधन खारिज कर दिए गए और यही नाम स्वीकार कर लिया गया। भारतीय संविधान के हिंदी अनुवाद में लिखा गया है- भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।