0 रायपुर में पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू
0 बढ़ई, लोहर, सुनार जैसे 18 कारीगरों को मिलेगा 3 लाख तक का लोन
0 टूलकिट और स्टायपेंड भी मिलेगा
रायपुर। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना रायपुर में शुरू कर दी गई। भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राईफेड) की ओर से ये कार्यक्रम रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हुआ। यहां बतौर मुख्य अतिथि केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह और रायपुर के लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील सोनी पहुंचे।
रायपुर से विधायक बृजमोहन अग्रवाल, बीरगांव नगर निगम के महापौर नंदलाल देवांगन, ट्रायफेड की प्रबंध निदेशक गीतांजलि गुप्ता और रायपुर के कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे । कार्यक्रम में विभिन्न विधाओं के कारीगर भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
रेणुका सिंह ने कहा कि हमने पारंपरिक कामों को छोड़ दिया है और उन पारंपरिक कामों को बढ़ावा देने के लिए ही पीएम विश्वकर्मा योजना प्रारम्भ की जा रही है । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज शुरू हुई पीएम विश्वकर्मा योजना से न सिर्फ शिल्पकारों- कारीगरों का सम्मान बढ़ेगा बल्कि उनकी आजीविका के अवसर बढ़ेंगे और उनका भविष्य उज्जवल होगा ।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी । योजना के पहले चरण में स्थानीय प्रशासन और बैंकों के सहयोग से कामगारों को 5% ब्याज दर से एक लाख रुपए का लोन मिलेगा, जिससे व्यवसाय के लिए जरूरी पूंजी की आवश्यकता पूरी होगी। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी मिलेगी। योजना के तहत लाभार्थियों को टूलकिट और स्टाइपेंड भी दिए जाएंगे ।
2047 तक विकसित बनेगा भारतः सोनी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रायपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद सुनील सोनी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए हमारे कारीगरों एवं शिल्पकारों का सशक्त होना आवश्यक है । इस आवश्यकता को समझते हुए पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की जा रही है । उन्होंने बताया कि इस योजना से न सिर्फ कारीगर अपना व्यवसाय बढ़ा सकेंगे बल्कि वे दूसरे लोगों को भी रोजगार देने में सक्षम बनेंगे । यह योजना कारीगरों के कौशल के सम्मान के साथ ही उनकी आमदनी को बढ़ाने का भी माध्यम बनेगी । सुनील सोनी ने कहा कि केवल नौकरी से बेरोजगारी दूर नहीं की जा सकती है, इसलिए स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना से न केवल कारीगरों का कौशल विकास होगा बल्कि उनके उत्पादों की मार्केटिंग, विज्ञापन और निर्यात की व्यवस्था केन्द्र सरकार करेगी ।
13 हजार करोड़ का बजट
कार्यक्रम के प्रारम्भ में रायपुर के कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि परम्परागत शिल्प को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 13 हजार करोड़ रूपये बजट के साथ पीएम विश्वकर्मा योजना प्रारम्भ की जा रही है । उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए पंजीयन की शुरूआत हो गई है । कॉमन सर्विस सेंटर में इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन होगा।
5% ब्याज पर मिलेगा एक लाख का लोन
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक 13,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। योजना में देशभर में करीब 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को फायदा मिलेगा। योजना के पहले चरण में कामगारों को 5% ब्याज दर से 1 लाख रुपए का लोन मिलेगा। वहीं, अगले चरण में यह रकम 2 लाख रुपए कर दी जाएगी। योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी मिलेगी। योजना में स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइपेंड मिलेंगे।
इन 18 व्यवसायों से जुड़े लोगों को फायदा होगा
1. कारपेंटर (बढ़ई)
2. नाव बनाने वाले
3. अस्त्र बनाने वाले
4. लोहार
5. ताला बनाने वाले (मरम्मतकार)
6. हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
6. सुनार
7. कुम्हार
8. मूर्तिकार
9. मोची
10. राज मिस्त्री
11. टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
12. पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
13. नाई
14. मालाकार
16. धोबी
17. दर्जी
18. मछली का जाल बनाने वाले