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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कथित अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को चुनौती देने वाली झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका सोमवार को खारिज करते हुए उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय दरवाजा खटखटाने को कहा।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने श्री सोरेन के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि वो राहत के लिए पहले उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करें।
पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति बोस ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, “आप (सोरेन) उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? पहले आप वहां जाएं। श्री सोरेन ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में कहा था कि ईडी के माध्यम से उनकी छवि और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के साथ ही राज्य के लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री सोरेन ने अन्य प्रार्थनाओं के अलावा धन शोधन मामले में अपने खिलाफ जारी समन रद्द करने की गुहार लगाई थी। श्री सोरेन धन शोधन मामले में ईडी की पूछताछ में दो बार शामिल नहीं हुए थे।

एजेंसी केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी झारखंड में धन शोधन के दो बड़े मामलों की जांच कर रही है। पहला मामला राज्य में अवैध खनन से जुड़ा है। एजेंसी ने पिछले साल 17 नवंबर को खनन मामले में श्री सोरेन से पूछताछ की थी। दूसरा मामला राज्य की राजधानी में कथित भूमि घोटाले से संबंधित है। इस कथित जमीन के मामले में आईएएस अधिकारी सी रंजन और दो व्यापारियों सहित तेरह व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

ईडी ने गत 08 अगस्त को श्री सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए 14 अगस्त को रांची में अपने जोनल कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। तब वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए और इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ मामला बताया था।
श्री सोरेन ने ईडी के समन पर सवाल उठाया था और इसे वापस लेने को कहा था।