0 9 मीटर का पाइप डालकर मिट्टी और केमिकल भरते हैं, यह चट्टान जैसा ठोस
नई दिल्ली/जम्मू/श्रीनगर। भारतीय रेलवे के इंजीनियर्स ने कश्मीर रेल लिंक परियोजना के 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल खंड पर सुरंग बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित की है। रेलवे के एक अधिकारी ने इस बारे में बताते हुए कहा- इसमें सुरंग की खुदाई के दौरान पानी के बहाव से निपटने के लिए पहले से तैयारी कर ली जाती है।
रेलवे ने रेल लाइन के अलाइनमेंट को बदल दिया है, जिससे सुनिश्चित हो जाए कि मुश्किल इलाके से छोटा सा हिस्सा ही गुजरे। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के कटरा-रियासी खंड में त्रिकुटा पहाड़ियों की तलहटी में स्थित 3.2 किलोमीटर लंबी सिंगल ट्यूब सुरंग को परियोजना का सबसे कठिन हिस्सा बताया गया है।
इंजीनियर्स बोले- आईएसएचबी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे
परियोजना में शामिल रेलवे के सीनियर इंजीनियर ने बताया कि हमने न्यू ऑस्ट्रियाई टनलिंग मैथड में इस्तेमाल की जाने वाली जाली गर्डर विधि के उलट आईएसएचबी तकनीक का इस्तेमाल किया है, जो सुरंग को मजबूती देता है। इसमें हम पहाड़ों में 9 मीटर के पाइप डालते हैं, जिसे पाइप रूफिंग कहा जाता है। इन छेद वाले पाइपों के इस्तेमाल से एक छाते जैसी संरचना बनाते हैं और इसमें पीयू ग्राउट भरते हैं। पीयू ग्राउट केमिकल को मिट्टी के साथ मिलाया जाता है। इसकी मात्रा मिट्टी की तुलना में तिगुनी रखी जाती है। यह मिट्टी को चट्टान जैसा ठोस बना देता है। इस संरचना की स्टेबिलिटी टेस्ट की जाती है और फिर हम धीरे-धीरे आगे खुदाई करते हैं। इस सुरंग पर साल 2017 के बाद से यानी तीन साल से ज्यादा वक्त से काम रुका हुआ था। इंजीनियर्स ने अगले साल की शुरुआत तक इसे पूरा करने की प्लानिंग की है।
कटरा-बनिहाल खंड में बनेंगी 27 सुरंगें
111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल खंड में मुख्य रूप से सुरंग बनाना शामिल है। इसमें 27 मुख्य सुरंगें बनाई जानी हैं, जिसकी लंबाई 97 किमी है। 67 किमी में आठ एस्केप सुरंगें बनाई जाएंगी। इस खंड 26 बड़े पुल और 11 छोटे पुलों को मिलाकर कुल 37 पुल बनने हैं। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के कटरा-रियासी खंड में त्रिकुटा पहाड़ियों की तलहटी में स्थित 3.2 किलोमीटर लंबी सिंगल ट्यूब सुरंग को परियोजना का सबसे कठिन खंड बताया गया है।