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0 मानसून सत्रः विपक्ष के हंगामे से लगातार तीसरे दिन सदन नहीं चला

नई दिल्ली। बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में लामबंद विपक्ष ने लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। वहीं लोकसभा में भी बिहार वोटर वेरिफिकेशन मुद्दे पर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में चले आए। उन्होंने काले कपड़े लहराए। इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप सड़क का व्यवहार संसद में न करें। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में 28 जुलाई और राज्यसभा में 29 जुलाई को चर्चा होगी। दोनों सदनों में बहस के लिए 16-16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। पिछले 3 दिनों से विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर, बिहार वोटर वेरिफिकेशन जैसे मुद्दों पर हंगामा कर रहा है। तीन दिनों में दोनों सदनों में लगातार एक-आधे घंटे भी कार्यवाही नहीं चल सकी।

मानसून सत्र तीसरे दिन बुधवार को बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध कर रहे विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा में पिछले दो दिन से कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका है। पीठासीन उप सभापति भुवनेश्वर कलिता ने दूसरे स्थगन के बाद दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को ‘समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025’ चर्चा और पारित करने के लिए सदन में पेश करने को कहा। इस बीच विपक्षी दलों के सदस्य अपनी जगह से उठकर आसन के निकट आकर खड़े हो गये। वे बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच ही श्री सोनोवाल ने विधेयक पेश कर दिया।
पीठासीन उप सभापति ने अन्नाद्रमुक के एम तंबी दुरै को विधेयक पर चर्चा शुरू करने को कहा। श्री दुरै के बोलने के लिए खड़े होते ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी। उप सभापति ने सदस्यों से शांत होने तथा अपनी जगहोंं पर लाैटने की अपील की लेकिन इसका असर न होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी। इस तरह उच्च सदन में दूसरे दिन भी कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका।
राज्यसभा में आज 25 सदस्यों ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के दिये थे।
सर्वश्री अखिलेश प्रसाद सिंह, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, नीरज डांगी , साकेत गोखले, अशोक सिंह, नासिर हुसैन, जॉन ब्रिटास, मोहम्मद नदीमुल हक, टी सी चन्द्रशेखर, महुआ माझी, तिरूचि शिवा, सुष्मिता देव , अब्दुल वहाब और रेणुका चौधरी ने अपने नाेटिसों में सभी विधायी कामकाज रोककर चुनाव आयोग के बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की थी जबकि आम आदमी पार्टी के संदीप पाठक और संजय सिंह ने दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को तोड़े जाने तथा तृणमूल कांग्रेस के रीताब्रत बनर्जी ने बंगाली आव्रजक श्रमिकों के साथ अन्य राज्यों में भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की । इसके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वी शिवदासन ने देश में बढ़ती हवाई दुर्घटनाओं के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया था।
उप सभापति ने कहा कि ये सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं और इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।
उनके इतना कहते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीट से उठकर आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। श्री हरिवंश ने कहा कि यह शून्यकाल है और यह सदन में सदस्यों का समय होता है।
इसलिए सदस्य अपनी जगह पर लौट जाएं और सदन की कार्यवाही चलने दें। उप सभापति ने सदस्यों से बार बार शांत होने तथा अपनी जगहोंं पर लाैटने की अपील की लेकिन इसका असर न होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद बारह बजे भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में मंगलवार को भी विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया था जिसके कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका था।

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