अंकारा/तेल अवीव। इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का आज 19वां दिन है। नाटो देशों के अहम सदस्य तुर्किये के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन ने इजराइल पर हमला करने वाले फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास का बचाव किया है। एर्दोगन ने बुधवार को पार्टी सांसदों से मुलाकात की और इस दौरान इजराइल पर जुल्म के आरोप भी लगाए।
‘न्यूयाॅर्क टाइम्स’ के मुताबिक, एर्दोगन ने कहा कि मैं इजराइल नहीं जाऊंगा। हमास आतंकी संगठन नहीं है। इसके मेंबर्स आजादी की जंग में हिस्सा लेने वाले मुजाहिदीन हैं। ये अपनी जमीन और नागरिकों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हम आम नागरिकों पर हमलों के खिलाफ हैं, भले ही वो इजराइली क्यों न हों।
हमास के पास 5 लाख लीटर ईंधन
इस बीच इजराइल की सेना ने दावा किया है कि हमास के पास 5 लाख लीटर ईंधन है। आईडीएफ ने कहा कि हमास ने गाजा में ही इसे छिपा रखा है। हमास-आईएसआईएस इस ईंधन को नागरिकों से चुराते हैं और इसे अपनी सुरंगों, रॉकेट लॉन्चर और नेताओं तक पहुंचाते हैं।सेना ने कहा कि गाजा के लोगों को ईंधन की कमी की शिकायत इजराइल से नहीं बल्कि हमास से करनी चाहिए। उनसे ही फ्यूल मांगना चाहिए। दरअसल, जंग के बीच गाजा से लगातार ईंधन खत्म होने की खबरें आ रही हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक फ्यूल की कमी के चलते गाजा के 6 हॉस्पिटल बंद करने पड़े हैं। इनमें एक हजार लोग डायलिसिस पर हैं, जबकि 130 प्रीमैच्योर बच्चे हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो आईसीयू में मौजूद दूसरे अस्पतालों के मरीजों की जान जा सकती है।
इजराइल हमले रोके तभी बंधकों को छोड़ेंगेः हमास
दूसरी तरफ हमास के एक सीनियर लीडर खालिद मेशाल ने कहा है कि वो इजराइल से पकड़े गए लोगों को तभी रिहा करेंगे, जब गाजा पर हमले रुक जाएंगे। मेशाल ने ये भी बताया है कि इजराइल के हमलों में अब तक 22 बंधकों की मौत हो चुकी है। स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में मेशाल ने कहा कि अगर नेतन्याहू, अमेरिका और यूरोप को अपने नागरिकों की चिंता है तो उन्हें इजराइल को हमला करने से रोकना चाहिए। इसके बाद ही कतर, मिस्र जैसे दूसरे अरब देश मध्यस्थता करवाकर बंधकों को छुड़वा सकेंगे।
यूएन चीफ की सीजफायर की मांग से नाराज इजराइल
दूसरी तरफ, यूएन में इजराइल के एम्बेसडर गिलाद इरदान ने बताया है कि इजराइल यूएन अधिकारियों को वीजा नहीं देगा। इरदान ने बताया- हमने पहले ही मानवीय मामलों के अधिकारी मार्टिन ग्रिफिथ्स को वीजा देने से इनकार कर दिया है। दरअसल, इजराइल यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस के बयान से नाराज हैं। मंगलवार को गुटेरेस ने कहा था- फिलिस्तीनी इस जंग में जो सह रहे हैं, उसके बावजूद भी हमास के हमलों को सही नहीं ठहराया जा सकता। इसी तरह हमास के हमलों की सजा सभी फिलिस्तीनियों को मिलना भी सही नहीं है। गुटेरेस के इस बयान के बाद इजराइली प्रतिनिधि ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। अमेरिका ने भी कहा कि वो अभी सीजफायर के समर्थन में नहीं है, क्योंकि इससे हमास को ही फायदा होगा।