Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 कहा-मोदी जी की जांच हो तो उन्हें जिंदगीभर जेल में रहना पड़ेगा
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आप नेता संजय सिंह की शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने संजय की न्यायिक हिरासत 10 नवंबर तक बढ़ा दी।

पेशी के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय संजय सिंह ने कहा कि अगर मोदी जी की जांच हो जाए तो उन्हें जिंदगी भर जेल में रहना पड़ेगा। मोदी जी एक भ्रष्ट नेता है, वे अडाणी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करते हैं। ईडी ने संजय सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। मामले में पिछली सुनवाई 13 अक्टूबर को हुई थी, तब कोर्ट ने आप नेता को 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।

संजय की रिहाई के लिए आप कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया
कोर्ट में पेशी से पहले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने संजय की रिहाई की मांग को लेकर पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एक कार्यकर्ता ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि हम न्यायपालिका में विश्वास करते हैं, लेकिन कई बार प्रक्रिया सजा बन जाती है। यह क्या है? तारीख पे तारीख। संजय सिंह को जल्द से जल्द बरी किया जाना चाहिए। कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि अब ईडी और सीबीआई राजस्थान पहुंच गई है। यह सिलसिला 2024 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। आप प्रदर्शनकारी भाजपा ऑफिस तक मार्च निकालने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और हिरासत में ले लिया।

जमानत याचिका खारिज कर चुका दिल्ली हाईकोर्ट
सुनवाई खत्म होते ही संजय सिंह ने मीडिया से कहा था कि मोदी जी इंडिया के नहीं, अडाणी के प्रधानमंत्री हैं। अडाणी के घोटालों की जांच कब होगी? इधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 अक्टूबर को आप नेता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें राहत देने के लिए कोई आधार नहीं बनता है।

4 अक्टूबर को संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई थी
ईडी ने दिल्ली शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग केस में 4 अक्टूबर को करीब 10 घंटे की छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। 5 अक्टूबर को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया था। बाद में तीन दिन और रिमांड बढ़ा दी गई। साथ ही कोर्ट ने संजय सिंह से मीडिया से बातचीत न करने की नसीहत दी थी। बाद में केस की सुनवाई 13 अक्टूबर को हुई, जहां कोर्ट ने उन्हें 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।