0 बिहार में देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे जारी
0 यादव-भूमिहार सबसे गरीब, कायस्थ सबसे संपन्न
पटना। नीतीश कुमार की कैबिनेट ने राज्य में आरक्षण का दायरा 60% से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में मंगलवार को ही आरक्षण बढ़ाने का सुझाव दिया था, इसके ढाई घंटे बाद ही कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। अब आरक्षण बिल को 9 नंबर को सदन के सदन के पटल रखा जाएगा। सदन से बिल पारित होने के बाद राज्यपाल को भेजा जाएगा।
इससे पहले बिहार में मंगलवार को देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं। सबसे ज्यादा गरीब यादव और भूमिहार हैं और सबसे संपन्न कायस्थ हैं।
सीएम ने कहा कि राज्य में 94 लाख गरीब परिवार हैं। इन गरीब परिवार को 2 लाख रुपए राज्य सरकार की तरफ से मदद किया जाएगा। इसमें सभी जाति के गरीबों को मदद पहुंचाई जाएगी। जमीन खरीदने के लिए 1 लाख दिया जाएगा। इस पर 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को 5 साल में पूरा करेंगे। अगर विशेष राज्य क दर्जा मिल जाए तो 2 साल मे ही पूरा करेंगे।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर केंद्र से हम लोग मिले थे, तब उन्होंने मौखिक रूप से कह दिया गया कि आप अपने राज्य में करा लीजिए। इसके बाद निर्णय हुआ कि जनगणना केंद्र करेगा और हम लोग जातीय गणना करेंगे।