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0 पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर की कार्रवाई
बिलासपुर। कांग्रेस ने बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आदेश के मुताबिक, पार्टी संगठन के खिलाफ अनर्गल बात करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन पर कार्रवाई की गई है। आदेश के मुताबिक 10 नवंबर 2023 को उनकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता निलंबित की गई है।

बिलासपुर में 8 नवंबर को कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी अरुण तिवारी ने एक ऑडियो पत्रकारों को दिया था, जिसमें कथित तौर पर वे महापौर रामशरण यादव से बात कर रहे हैं। ऑडियो में बड़े नेताओं पर चुनाव में टिकट बांटने के लिए पैसों की लेन-देने का आरोप लगाया था।

आदेश तत्काल प्रभाव से लागू
निलंबन आदेश में लिखा गया है कि दीपक बैज के आदेशानुसार विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते और कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण रामशरण यादव, महापौर बिलासपुर की आज 10 नवंबर से प्राथमिक सदस्यता निलंबित की जाती है।

पहले कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था
ऑडियो में प्रत्याशी बनाए जाने के लिए चार करोड़ रुपए में डील होने का आरोप लगाया गया है। ऑडियो वायरल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मेयर रामशरण यादव को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। संगठन के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने पत्र में लिखा कि टिकट वितरण को लेकर हो रही चर्चा का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें जिस प्रकार की बातचीत हो रही है, वो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इसे लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। 24 घंटे के अंदर इस पर मेयर रामशरण यादव से जवाब मांगा गया था। हालांकि मेयर रामशरण ने कहा कि- बातचीत आपसी भाई-चारे के तहत हुई हैl मैंने किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया है।

कांग्रेस की बड़ी नेता पर लगाया था आरोप
कांग्रेस नेता रहे और पूर्व विधायक अरुण तिवारी ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी संभाल रही बड़ी नेत्री पर टिकट वितरण में पैसे लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने और मेयर रामशरण यादव के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल किया है। इस ऑडियो में रामशरण यादव चार करोड़ रुपए की डील होने की बात कह रहे हैं। वे यह भी बता रहे हैं कि उनके नाम से हरियाणा के रोहतक में पैसे दिए गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि यह बात खुद पैसे देने वाले ने फैलाया है।