0 ध्यान भटकाने वाला मोदी, जेब काटने वाला अडाणी और लाठी मारने वाला शाह
धौलपुर/भरतपुर/गंगापुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को राजस्थान में धौलपुर के राजाखेड़ा, भरतपुर के नदबई और गंगापुर सिटी में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिजनेसमैन गौतम अडाणी पर निशाना साधा।
राहुल ने कहा कि जेबकतरा अकेला नहीं आता। तीन लोग आते हैं। सबसे पहले एक बंदा सामने से आता है, आपके ध्यान को इधर-उधर करता है। उल्टी-सीधी बात बोल देगा। दूसरा पीछे से आता है, ब्लेड से जेब काट लेता है। और तीसरा बंदा देखता है कि जिसकी जेब कटी, अगर उसने कोई आवाज की तो उस पर आक्रमण कर दे, उसको डरा दे। भीड़ को पता लग गया, तो उसको धमकाने का काम करता है। नरेंद्र मोदी का काम आपके ध्यान को इधर-उधर करने का है। वो टीवी पर आते हैं, कहते हैं कि थाली बजाओ, मोबाइल की लाइट ऑन करो, हिंदू-मुस्लिम, नोटबंदी, मुझे फांसी लगा दो। ध्यान इधर-उधर करने वाला नरेंद्र मोदी, जेब काटने वाला अडाणी और बाद में लाठी मारने वाला अमित शाह।
राहुल ने कहा कि वो भारत माता के नारे लगाते हैं और करते हैं अडाणी जी की जय। जबकि मैं भारत माता की जय करता हूं। मेरे लिए भारत माता हिंदुस्तान के गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के लोग और छोटे दुकानदार हैं। मोदी जी की गारंटी का मतलब अडाणी की गारंटी। कांग्रेस पार्टी की गारंटी का मतलब आपकी गारंटी, भारत माता की गारंटी। भरतपुर के नदबई में मंच पर राहुल गांधी का स्वागत किया गया। राहुल के साथ मंच पर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह मौजूद थे।
भरतपुर के नदबई में मंच पर राहुल गांधी का स्वागत किया गया। राहुल के साथ मंच पर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह मौजूद थे।
किसके हाथ में जा रहा देश का पैसा
बीजेपी की मीटिंग में सब लोग भारत माता की जय करते हैं। ये भारत माता है कौन? ये है क्या? ये भारत की जनता है। जब हम भारत माता की जय करते हैं तो हम भारत माता की जनता की जय करते हैं। आपके माता-पिता, उनके माता-पिता, हम सबकी जय करते हैं। बाकी दुनिया भारत माता को सोने की चिड़िया कहती है। तो आज सबसे बड़ा सवाल है कि सोने की चिड़िया में किसकी कितनी भागीदारी है। सोने की चिड़िया धन पैदा करती है। सवाल ये है कि आज इस देश में धन को कैसे बांटा जा रहा है। किसके हाथ में जा रहा है? क्या सचमुच में हिंदुस्तान का धन भारत माता की जनता के हाथ में जा रहा है या फिर भारत माता का धन कुछ चुने हुए लोगों के हाथ में जा रहा है।
भाजपा वाले चाहते हैं दो हिंदुस्तान बनें
भाजपा के नेता हर भाषण में कहते हैं हिंदी पढ़ो, अंग्रेजी मत पढ़ो। उनसे पूछो तो कहेंगे हमारे बच्चे तो अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं। उनके बच्चे तो अंग्रेजी पढ़ें, पर वो नहीं चाहते कि आपके बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ें। हम कहते हैं राजस्थान के हर बच्चे को हिंदी सीखनी चाहिए और अंग्रेजी सीखनी चाहिए। किसान, मजदूरों, छोटे व्यापारियों के बच्चों को बड़े से बड़ा सपना देखना चाहिए। आप पायलट बनना चाहते हो, हवाई जहाज से अमेरिका जाना चाहते हो। सपना पूरा होना चाहिए। ये चाहते हैं कि दो हिंदुस्तान बनें। एक अडाणी वाला और दूसरी तरफ सच्चा हिंदुस्तान भारत माता, जो 24 घंटे अपना खून-पसीना दे। ऐसे दो हिंदुस्तान नहीं चाहिए हमें। ये अपने भाषण में कहते हैं- भारत माता की जय। भारत माता की जय करते रहते हो, फिर अडाणी के लिए काम करते हो।
देश में कराएंगे जाति जनगणना
राजस्थान में हमारी सरकार आएगी तो पहला काम राजस्थान में जाति जनगणना कराना होगा। और, दिल्ली में जैसे ही हमारी सरकार आएगी, कांग्रेस पार्टी पूरे देश में जाति जनगणना करवा देगी। जितनी भागीदारी पिछड़ों, गरीबों, दलितों और आदिवासियों की होनी चाहिए। जाति जनगणना के बाद हम उस पर एक्शन ले पाएंगे। जाति जनगणना के बाद हिंदुस्तान बदल जाएगा। जिस दिन हमने गरीबों को, पिछड़ों को, आदिवासियों को, दलितों को इस देश को चलाने में भागीदारी दे दी, उस दिन इस देश में चमत्कार हो जाएगा। पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों को पता चल जाएगा कि उनकी शक्ति कितनी है।
मीडिया का काम है आपका ध्यान भटकाना
14 लाख करोड़ रुपए नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान के 10-15 बड़े अरबपतियों का माफ किया है। उनकी कंपनी में एक दलित, एक आदिवासी, एक पिछड़ा नहीं मिलेगा। देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट निकालो। उसमें से मुझे एक पिछड़े वर्ग का, एक दलित, एक आदिवासी दिखा दो, भाषण बंद कर दूंगा। अडाणी की कंपनी में कोई दलित, आदिवासी, ओबीसी नहीं मिलेगा। नरेंद्र मोदी उसके लिए काम करता है। मैंने शुरुआत में कहा प्रेस के हमारे मित्रों, लेकिन ये हमारे मित्र नहीं हैं, ये अडाणी के मित्र हैं। नरेंद्र मोदी जी का काम आपका ध्यान इधर-उधर करने का है। मीडिया का काम 24 घंटे आपके ध्यान को इधर-उधर करने का है।
देश का दर्द टीवी पर नहीं दिख सकता
कभी आपने मीडिया में किसी गरीब किसान, मजदूर को बोलते हुए देखा है कि मैं तो मर रहा हूं। सोशल मीडिया में दिख सकता है, लेकिन टीवी पर आपको नहीं दिख सकता। मंडी के सामने भूखा मर जाए, टीवी पर नहीं आएंगे। टीवी पर आपको ऐश्वर्या राय, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, क्रिकेट मैच दिखेगा। सचमुच में देश की पीड़ा और दर्द आपको टीवी पर नहीं दिख सकता। टीवी तो आपका है नहीं। टीवी अडाणी का है। अडाणी जी मोदी का चेहरा लगाते हैं। मोदी जी पूरा धन अडाणी को पकड़ा देते हैं, और पीछे से लाठी लिए अमित शाह घूमता रहता है। ये सिस्टम चल रहा है। ये सिस्टम तोड़ना है और ये टूटेगा।
मोदी कहते हैं देश में एक ही जात है
हर भाषण में नरेंद्र मोदी कहते थे कि मैं ओबीसी वर्ग का हूं। ओबीसी की हिंदुस्तान में क्या आबादी है? किसी को नहीं मालूम कि पिछड़ों की आज हिंदुस्तान में क्या आबादी है। मैंने पार्लियामेंट में पूछा कि हम भारत माता की जय करते हैं, लेकिन भारत माता में किसकी कितनी आबादी है, ये किसी को नहीं मालूम। तो मैंने पार्लियामेंट में जाति जनगणना की मांग की। उस दिन के बाद से नरेंद्र मोदी के भाषण बदल गए। उसके बाद से नरेंद्र मोदी कहते हैं हिंदुस्तान में एक जात है, वो है गरीब। चुनाव जीतने का समय आया तो नरेंद्र मोदी ओबीसी, लेकिन जब ओबीसी वर्ग को उनकी भागीदारी देने की बात आई तो मोदी कहते हैं कि एक जात है वो है गरीब।
पिछड़ों की सरकार होती तो 90 में 50% अफसर ओबीसी के होते
हिंदुस्तान को एमपी-एमएलए नहीं चलाते। कैबिनेट सेक्रेटरी और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 90 अफसर देश को चलाते हैं। बजट का पैसा स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा योजना, देश की रक्षा में कितना जाएगा, ये लोग निर्णय लेते हैं। 90 में से पिछड़े वर्ग के कितने आईएएस ऑफिसर हैं? पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत और 90 में से एक अफसर आदिवासी, तीन अफसर दलित। हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो पिछड़े वर्ग के अफसर पांच रुपए का निर्णय लेते हैं। आज पिछड़ों की आबादी तकरीबन 50 प्रतिशत और हिस्सेदारी पांच परसेंट से कम। और, फिर नरेंद्र मोदी कहते हैं कि पिछड़ों की सरकार चल रही है। अगर पिछड़ों की सरकार होती तो कम से कम 90 में से 45 मतलब 50 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के होते।
देश में लोग प्यार से रहना चाहते हैं
भारत जोड़ो यात्रा में हम कन्याकुमारी से कश्मीर तक चले और हर यात्रा में से एक-दो नारे निकलते हैं। भारत जोड़ाे यात्रा में से सबसे सुंदर नारा निकला, 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है'। 4 हजार किलोमीटर हम चले और जो नफरत मीडिया में दिखती है। 24 घंटे मीडिया में आपको दिखता है कि हिंदुस्तान का एक भाई दूसरे भाई से लड़ रहा है। एक धर्म का आदमी दूसरे धर्म के आदमी से लड़ रहा है। एक जाति दूसरी जाति से लड़ रही है। मुझे देखने को मिला, ये सिर्फ मीडिया की सच्चाई है। देश में लोग एक दूसरे से मोहब्बत करते हैं, इज्जत करते हैं और प्यार से रहना चाहते हैं।