Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

मुंबई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नौसेना के अत्याधुनिक युद्धपोत इंफाल की शिखा का अनावरण किया। इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह तथा रक्षा मंत्रालय और मणिपुर के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

बता दें कि इम्फाल की शिखा के डिजाइन में बाईं ओर मणिपुर की ऐतिहासिक धरोहर ‘कांगला महल’ और दाईं ओर राज्य के पौराणिक प्राणी ‘कांगला सा’ को दर्शाया गया है। इससे मणिपुर के लोगों द्वारा देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए दिये गये बलिदान को महत्व दिया गया है। ‘कांगला महल’ मणिपुर का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है। ‘कांगला-सा’ मणिपुर का राज्य प्रतीक भी है।

उल्लेखनीय है कि इस युद्धपोत का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया और यह प्रोजेक्ट 15 बी श्रेणी का तीसरा विध्वंसक पोत है जो निर्देशित मिसाइल प्रणाली से लैस है। 

अप्रैल 2019 में इसके शुभारंभ के समय इस युद्धपोत को इम्फाल नाम दिया गया और एमडीएल द्वारा 20 अक्टूबर 2023 को इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। कमीशन से पहले परीक्षणों के दौरान इस युद्धपोत ने हाल ही में विस्तृत रेंज की एक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। इस असाधारण उपलब्धि के पश्चात अब इस युद्धपोत के शिखा अनावरण कार्यक्रम का भी शानदार तरीके से आयोजन किया जा रहा है। समुद्री परंपराओं और नौसैनिक रिवाजों के अनुसार भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और पनडुब्बियों के नाम प्रमुख शहरों, पर्वत श्रृंखलाओं, नदियों, बंदरगाहों और द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं।

नौसेना को ऐतिहासिक शहर इम्फाल के नाम पर अपने नवीनतम और तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोत पर बेहद गर्व है। यह भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला उन्नत युद्धपोत भी है, जिसके लिए 16 अप्रैल 2019 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति दी गई थी।

भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन और एमडीएल द्वारा निर्मित इस जहाज की स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के मामले में अनूठी पहचान है और यह दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों में से एक है। युद्धपोत में लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
इम्फाल पहला ऐसा स्वदेशी विध्वंसक भी है जिसके निर्माण और समुद्री परीक्षणों को पूरा करने में सबसे कम समय लगा है। यह युद्धपोत दिसंबर 2023 में भारतीय नौसेना में अधिकृत रूप से शामिल किया जायेगा।