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हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर चल रहा चुनाव प्रचार मंगलवार शाम 5 बजे थम गया। अंतिम समय तक तेलंगाना चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने जोर अजमाइश की। राज्य की 119 सीटों के लिए 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इन सभी सीटों पर कुल 2290 कैंडिडेट इस बार चुनावी मैदान में हैं। मतगणना 3 दिसंबर को होगी।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज है। कांग्रेस सत्ता में वापसी को लेकर पूरी ताकत लगा रही है। वहीं भाजपा भी सत्ता में आने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

चुनाव में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर), उनके पुत्र केटी रामा राव, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार, डी. अरविंद और सोयम बापूराव सहित 2,290 उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद होने वाली है। केसीआर कामारेड्डी गजवेल से अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं। वहीं रेवंत रेड्डी कोडंगल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ने वाले हैं। 

भाजपा ने अपने विधायक एटाला राजेंद्र को हुजूराबाद के साथ गजवेल से मैदान में उतारा है। यहां से वह विधायक रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार अभियान के वक्त सोमवार को हैदराबाद में रोड शो किया। कई जनसभाओं को भी संबोधित किया।

बता दें कि अन्य चार राज्यों मिजोरम, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम की तुलना में तेलंगाना में चुनाव प्रचार काफी लंबा चला, क्योंकि यहां मतदान सबसे अंतिम में होना है। तेलंगाना को छोड़ चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है। निर्वाचन आयोग की ओर से 9 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राजनीतिक पार्टियों ने लगाया जोर
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने तेलंगाना के देवरकोंडा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने साफ कहा है कि हमारी सरकार सत्ता में आएगी और हम पिछड़े वर्ग के नेता को सीएम बनाएंगे। बीआरएस को 3 दिसंबर को बड़ा झटका लगेगा। वहीं बीआरएस नेता के कविता ने निजामाबाद इलाके में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि राज्य में एक बार फिर से बीआरएस की सरकार बनने जा रही है।

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