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नई दिल्ली। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे करीब-करीब साफ हो गए हैं। नतीजों के बाद देश के कुल 28 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में से 16 में अब बीजेपी व उसके गठबंधन की सरकार होगी। इनमें 12 राज्यों में बीजेपी अकेले अपने दम पर सत्ता में रहेगी। कांग्रेस महज 3 राज्यों तक सिमट गई है। वहीं गठबंधन के साथ कांग्रेस कुल 5 राज्यों की सत्ता में बची है। इनमें कांग्रेस की 3 राज्यों कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश व अब तेलंगाना में अकेले अपने दम पर सरकार बनेगी।

फिलहाल देश में 30 विधानसभाएं हैं। इनमें 2 केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुडुचेरी भी हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नतीजों के बाद अब 16 प्रदेशों की सत्ता में भाजपा आ जाएगी। यहां देश की करीब 52% आबादी रहती है। इनमें अपने बूते 12 प्रदेशों में और बाकी 4 प्रदेशों में गठबंधन साथियों के साथ। इनमें से कोई भी दक्षिण भारत का राज्य नहीं।
बीजेपी के अकेले अपने दम पर सरकार बनाने वाले राज्यों में उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। गठबंधन वाले राज्यों में महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम शामिल हैं। वहीं कांग्रेस अपने दम पर सिर्फ 3 राज्यों में सत्ता में है- कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश। इसके अलावा बिहार और झारखंड की सत्ता के गठबंधन में शामिल है।
अगर देश को 6 हिस्सों में वर्गीकृत करके देखें तो दक्षिण और पूर्वी भारत को छोड़कर बाकी 4 जगह भाजपा बेहद ताकतवर नजर आती है।

पूर्वोत्तर भारत (सिक्किम समेत): बीजेपी का दबदबा
नॉर्थ ईस्ट के 8 राज्यों में कुल 498 विधायक हैं। इनमें से बीजेपी के 206 विधायक हैं, यानी 41.3%। इसी तरह नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों से कुल 25 सांसद आते हैं। इनमें बीजेपी के 15 सांसद हैं, यानी 60%।

पश्चिम भारत (महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान): बीजेपी का दबदबा
महाराष्ट्र में शिंदे की शिवसेना के साथ बीजेपी सरकार है। गुजरात में बीजेपी की पूर्ण बहुमत सरकार है और अब राजस्थान में भी बीजेपी को बहुमत मिलता दिख रहा है। इन तीनों प्रदेशों के 670 विधायकों में से 331 बीजेपी के पास थे। यानी 49%। 3 दिसंबर को राजस्थान के नतीजों के बाद बीजेपी विधायकों की संख्या 30 से 40 बढ़ सकती है। यानी यहां 50% से ज्यादा विधायक बीजेपी के हो जाएंगे। इसी तरह इन प्रदेशों के कुल 99 सांसदों में से 73 बीजेपी के हैं, यानी 72%।

पूर्वी भारत (बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा): बीजेपी और कांग्रेस दोनों का असर नहीं
बिहार में महागठबंधन की सरकार है, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, झारखंड में जेएमएम की सरकार और ओडिशा में बीजेडी की सरकार है। यानी पूर्वी भारत में कहीं भी बीजेपी की सरकार नहीं है। यहां कुल 722 विधायकों में से 196 बीजेपी के हैं, यानी 27%। इसी तरह इन प्रदेशों के कुल 117 सांसदों में से 54 बीजेपी के हैं, यानी 46%।

उत्तर भारत (दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड): बीजेपी और आम आदमी पार्टी का दबदबा
उत्तर भारत में हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार है। उत्तर भारत से कुल 818 विधायक चुने जाते हैं, जिनमें से बीजेपी के कुल 377 विधायक हैं यानी 46%। इसी तरह कुल 189 सांसदों में से बीजेपी के 98 सांसद हैं, यानी 52%।

मध्य भारत (एमपी, छत्तीसगढ़): बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की
मध्य प्रदेश में बीजेपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी। यहां कुल 420 विधायक चुने जाते हैं, जिसमें 144 बीजेपी के थे, यानी 34%। 3 दिसंबर को आए नतीजों के बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सबसे ज्यादा बढ़त बनाई है। दोनों राज्यों में बीजेपी के करीब 70 विधायक बढ़ सकते हैं। इसी तरह कुल 40 में से 37 सांसद बीजेपी के हैं यानी 92%।

दक्षिण भारतः बीजेपी पूरी तरह से साफ
कर्नाटक की हार के बाद दक्षिण के 5 में से किसी राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं। दक्षिण भारत के 5 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश से कुल 130 लोकसभा सांसद आते हैं। इनमें बीजेपी के केवल 29 सांसद है, यानी 22%। इनमें भी 25 सांसद कर्नाटक से और 4 तेलंगाना से हैं। दक्षिण भारत के इन राज्यों की विधानसभाओं में कुल 923 विधायक हैं। कर्नाटक चुनाव से पहले तक इनमें से भी बीजेपी के पास कुल 135 विधायक थे। कर्नाटक में बीजेपी के 40 विधायक कम होने के बाद यह आंकड़ा भी घटकर 95 का बचा है। यानी दक्षिण भारत के कुल विधायकों में बीजेपी के सिर्फ 10% विधायक हैं।