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देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के देहरादून में शुक्रवार को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करते हुए भरोसा जताया कि सामर्थ्य से भरी ये देवभूमि (उत्तराखंड) निश्चित रूप से निवेश के बहुत सारे द्वार खोलने जा रही है।
श्री मोदी ने कहा,“देवभूमि उत्तराखंड में आकर मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन के लिए निकला था, तो अचानक मेरे मुंह से निकला था कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक, उत्तराखंड का दशक है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है अपने उस कथन को मैं लगातार चरितार्थ होते हुए देख रहा हूं। आप सभी को भी इस गौरव से जुड़ने के लिए, उत्तराखंड की विकास यात्रा से जुड़ने का एक बहुत बड़ा अवसर मिल रहा है। बीते दिनों, उत्तरकाशी में टनल से हमारे श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालने का जो सफल अभियान चला, उसके लिए मैं राज्य सरकार समेत सभी का विशेष तौर पर अभिनंदन करता हूं।
श्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड वह राज्य है, जहां आपको डाइविनिटी और डेवलपमेंट, दोनों का अनुभव एक साथ होता है, और मैंने तो उत्तराखंड की भावनाओं और संभावनाओं को निकट से देखा है, मैंने उसे जिया है, अनुभव किया है। उन्होंने उत्तराखंड के लिए कही एक अपनी एक कविता याद करते हुए सुनाया। उन्होंने सुनाया,“जहाँ अंजुली में गंगा जल हो, जहाँ हर एक मन बस निश्छल हो। जहाँ गाँव-गाँव में देशभक्त हो, जहाँ नारी में सच्चा बल हो, उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए मैं चलता जाता हूं! इस देव भूमि के ध्यान से ही, मैं सदा धन्य हो जाता हूँ। है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूँ।” उन्होंने आगे कहा कि आज भारत, विकास भी और विरासत के भी जिस मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है, उत्तराखंड उसका प्रखर उदाहरण है।
समिट में उपस्थित देश, दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी बिजनेस की दुनिया के दिग्गज हैं। जो बिजनेस की दुनिया के लोग रहते हैं, वो जरा अपने काम का स्वॉट एनालिसिस करते हैं। आपकी कंपनी की ताकत क्या है, कमज़ोरी क्या है, अवसर क्या हैं और चुनौतियां क्या हैं, और आप उसका आकलन करके अपनी आगे की रणनीति बनाते हैं। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज हम भारत को लेकर ऐसी ही स्वॉट एनालिसिस करें, तो क्या पाते हैं? हमें चारों तरफ एस्पिरेशन, होप, सेल्फ कॉन्फिडेंस, इनोवेशन और ऑपर्च्युनिटी ही दिखेगी।
श्री मोदी ने कहा कि आपको आज देश में पॉलिसी ड्रिवेन गवर्नेंस दिखेगी। आपको आज पॉलिटिकल स्टेबिलिटी के लिए देशवासियों का मज़बूत आग्रह दिखेगा। उन्होंने कहा कि आकांक्षी भारत, आज अस्थिरता नहीं चाहता, वो स्थिर सरकार चाहता है। हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भी हमने ये देखा है। और उत्तराखंड के लोगों ने पहले ही करके दिखाया है। जनता ने स्थिर और मजबूत सरकारों के लिए जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि जनता ने गुड गवर्नेंस के लिए वोट दिया, गवर्नेंस के ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर वोट दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत और भारतीयों को दुनिया जिस उम्मीद तथा सम्मान से देख रही है, और अभी सभी उद्योग जगत के लोगों ने इस बात का जिक्र भी किया। हर भारतीय एक दायित्व के रूप में इसे ले रहा है। हर देशवासी को लगता है कि विकसित भारत का निर्माण उसकी अपनी जिम्मेदारी है, हर देशवासी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इसी आत्मविश्वास का परिणाम है कि कोरोना महासंकट और युद्धों के संकट के बावजूद, भारत इतनी तेज़ी से विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा, आपने देखा है कि कोरोना वैक्सीन हो या फिर इकोनॉमिक पॉलिसीज़, भारत ने अपनी नीतियों, अपने सामर्थ्य पर भरोसा किया। उसी कारण आज भारत बाकी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अलग ही लीग में दिखता है। राष्ट्रीय स्तर पर भारत की इस मजबूती का फायदा, उत्तराखंड समेत देश के हर राज्य को हो रहा है।
श्री मोदी ने उद्योगपतियों और स्थानीय लोगों से खचाखच भरे सभागार में कहा कि उत्तराखंड में डबल इंजन सरकार के डबल प्रयास चारों तरफ दिख रहे हैं। राज्य सरकार अपनी तरफ से जमीनी सच्चाई को समझते हुए यहां तेजी से काम कर रही है। इसके अलावा, भारत सरकार की योजनाओं को, हमारे विजन को भी यहां की सरकार उतनी ही तेजी से ज़मीन पर उतारती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इन प्रयासों के बीच राज्य सरकार भी छोटे शहरों और गांव-कस्बों को जोड़ने के लिए पूरी शक्ति से काम कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि आज उत्तराखंड में गांव की सड़कें हों या फिर चारधाम महामार्ग इन पर अभूतपूर्व गति से काम चल रहा है। वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से दिल्ली और देहरादून की दूरी ढाई घंटे होने वाली है। देहरादून और पंतनगर के एयरपोर्ट के विस्तार से एयर कनेक्टिविटी सशक्त होगी। यहां की सरकार हैली-टैक्सी सेवाओं के राज्य के भीतर विस्तार दे रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग, इस रेल लाइन से यहां की रेल कनेक्टिविटी सशक्त होने वाली है। उन्होंने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी जीवन तो आसान बना ही रही है, ये बिजनेस को भी आसान बना रही है। इससे खेती हो या फिर टूरिज्म, हर सेक्टर के लिए नई संभावनाएं खुल रही हैं। लॉजिस्टिक्स हो, स्टोरेज हो, टूर-ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी हो, इसके लिए यहां नए रास्ते बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि और ये हर नया रास्ता, हर इन्वेस्टर के लिए एक गोल्डन ऑपर्च्युनिटी लेकर आया है।
लगभग पैंतीस मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों की अप्रोच थी कि जो इलाके सीमा पर हैं, उन्हें ऐसा रखा जाए कि एक्सेस कम से कम हो। डबल इंजन सरकार ने इस सोच को भी बदला है। हम सीमावर्ती गांवों को लास्ट विलेज नहीं, बल्कि देश के फर्स्ट विलेज के रूप में विकसित करने में जुटे हैं। हमने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम चलाया, अब एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे गांव, ऐसे क्षेत्र जो विकास के हर पहलू में पीछे थे, उन्हें आगे लाया जा रहा है। यानि हर इन्वेस्टर के लिए उत्तराखंड में बहुत सारा ऐसा अनटैप्ड पोटेंशियल है, जिसका आप ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।
इन्वेस्टर्स समिट में अपने उद्घाटन भाषण में उत्तराखंड के लिए किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्राथमिकताओं का उत्तराखंड को कैसे डबल फायदा मिल रहा है, इसका एक उदाहरण टूरिज्म सेक्टर भी है। आज भारत को देखने के लिए भारतीयों और विदेशियों, दोनों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम पूरे देश में थीम बेस्ड टूरिज्म सर्किट तैयार कर रहे हैं। कोशिश ये है कि भारत के नेचर और हैरिटेज, दोनों से ही दुनिया को परिचित कराया जाए। इस अभियान में उत्तराखंड, टूरिज्म का एक सशक्त ब्रांड बनकर उभरने वाला है। यहां नेचर, कल्चर, हैरिटेज सब कुछ है। यहां योग, आयुर्वेद, तीर्थ, एडवेंचर स्पोर्ट्स, हर प्रकार की संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं को एक्सप्लोर करना और उन्हें अवसरों में बदलना, ये आप जैसे साथियों की प्राथमिकता ज़रूर होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा,“और मैं तो एक और बात कहूंगा शायद यहां जो लोग आए हैं उनको अच्छा लगे, बुरा लगे, लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे हैं कि जिनके माध्यम से उन तक तो मुझे बात पहुंचानी है, लेकिन उनके माध्यम से उन तक भी पहुंचानी है जो यहां नहीं हैं। खासकर के देश के धन्ना सेठों को मैं कहना चाहता हूं, अमीर लोगों को कहना चाहता हूं। मिलेनियर्स-बिलेनियर्स से कहना चाहता हूं। हमारे यहां माना जाता है, कहा जाता है, जो शादी होती है ना वो जोड़े ईश्वर बनाता है। ईश्वर तय करता है ये जोड़ा। मैं समझ नही पा रहा हूं जोड़े जब ईश्वर बना रहा है तो जोड़ा अपने जीवन की यात्रा उस ईश्वर के चरणों में आने की बजाय विदेश में जाकर क्यों करता है।”
श्री मोदी ने कहा कि और मैं तो चाहता हूं मेरे देश के नौजवानों को मेक इन इंडिया जैसा है ना, वैसे ही एक मूवमेंट चलना चाहिए, वेडिंग इन इंडिया। शादी हिन्दुस्तान में करो। ये दुनिया के देशों में शादी करने का ये हमारे सारे धन्ना सेठ का आजकल का फैशन हो गया है। यहां कई लोग बैठे होंगे अब नीचा देखते होंगे। और मैं तो चाहूंगा, आप कुछ इनवेस्टमेंट कर पाओ न कर पाओ छोड़ो, हो सकता है सब लोग न करें। कम से कम आने वाले 5 साल में आपके परिवार की एक डेस्टिनेशन शादी उत्तराखंड में करिये। अगर एक साल में पांच हजार भी शादियां यहां होने लग जाए ना, नया इंफ्रास्ट्रकचर खड़ा हो जाएगा, दुनिया के लिए ये बहुत बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बन जाएगा। भारत के पास इतनी ताकत है मिलकर के तय करें कि ये करना है, ये हो जाएगा जी। इतना सामर्थ्य है।