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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मोदी सरकार देश के हर नागरिक के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए केंद्र से जो भी कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं उनके लिए समय पर पैसा जारी किया जा रहा है। श्रीमती सीतारमण लोकसभा में चालू वित्त वर्ष और 2021-22 के लिए अनुदान और अतिरिक्त अनुदान की मांगों की सूची पर चर्चा का जवाब दे रही थीं।

वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने 2023-2024 के लिए अनुपूरक मांगों की पहली सूची तथा 2020-21 से संबंधित अतिरिक्त अनुदान की मांगों की सूची को पारित कर दिया। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लिए सूची में कुल एक लाख 29 करोड रुपए की 79 अनुदान की अनुपूरक मांगे और तत्संबंधी चार विनियोग प्रस्तुत किए थे। इनमें से 58 हजार 378 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

मनरेगा पर सदस्यों के सवालों का जवाब दते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए केंद्र से बराबर पैसा दिया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर इसी मद में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिया गया है। उनका कहना था कि सरकार किसानों के हित में बहुत संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उनके उत्पाद महंगे होते हैं तो ऐसे समय में किसानों से यदि सीधे उत्पाद खरीदे जाते हैं तो इसका सीधा लाभ किसान को मिलेगा और ऐसी स्थिति में जो फायदा बाजार की ताकतों को होता उनकी जगह किसान को फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों से यदि समय पर पैसे का आवंटन नहीं होता है तो इससे न सिर्फ एक राज्य विशेष को दिक्कत होती है बल्कि हर राज्य को इस तरह की दिक्कत होना स्वाभाविक है। इस समस्या के निदान के लिए सिंगल नोडल ऐजेंसी का गठन किया गया है और इसमें केंद्र तथा राज्य दोनों का पैसा जन हित के लिए आता है इसलिए केंद्र सरकार पर आवंटन में देरी का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 से अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी कई गुना बढ़ा है। किसान से सीधा उसका उत्पाद खरीदा जाता है जिसका लाभ किसान को होता है। अब 4 चार करोड़ से अधिक की खरदी किसान से हो रही है जो पहले की तुलना में दोगुना से अधिक है। धान किसानों से पहले की तुलना में तीन गुना ज्यादा धान खरीदा जा रहा है।
राज्यों के आवंटन जारी नहीं करने संबंधी आरोप पर उन्होंने कहा कि सब राज्यों को उनके हिस्से का पैसा बराबर जारी किया जा रहा है। उनका कहना था कि सेस के रूप में जो भी पैसा आ रहा है उसे तुरंत जारी किया जा रहा है और कुल उपकर संग्रहण तमिलनाडु को गया है और इसका जो आंकड़ा उपलब्ध है उसके अनुसार 99.5 प्रतिशत से ज्यादा संग्रहण तमिलनाडु के लिए जारी किया गया है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में जो तूफान आया उस मामले में मदद के लिए केंद्र से दोनों राज्यों को बराबर राशि जारी की गई।