Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया था
मथुरा। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह के कमिश्नर सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर सर्वे से दिक्कत है तो प्रॉपर तरीका अपनाएं। इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित स्थल का कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वर्चुअली इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें कमिश्नर सर्वे और हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि कार्रवाई को चलने दें।

शुक्रवार को शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी केस की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। हिंदू पक्ष के एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शाही ईदगाह कमेटी ने हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए गए सभी केस को मथुरा कोर्ट में सुनवाई करने की मांग की है। उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच, मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश को मेंशन करते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी।

9 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शाही ईदगाह मामले में कल जो इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश पारित किया था उस आदेश को आज वर्चुअली शाही ईदगाह मस्जिद ने और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने मांग की थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इसे इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह केस 9 जनवरी के लिए निर्धारित है, हम उसी दिन उसको सुनेंगे।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह की 13.37 एकड़ विवादित जमीन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए ईदगाह सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। 16 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के 13.37 एकड़ विवादित जमीन का कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। यह सर्वे वाराणसी की ज्ञानवापी में मई 2021 में हुए कमिश्नर सर्वे की तरह होगा। इसमें कोर्ट कमिश्नर की टीम वहां जाकर सबूत जुटाएगी और कोर्ट को रिपोर्ट देगी। सर्वे का तरीका क्या होगा? टीम में कौन-कौन होंगे? कब सर्वे करेंगे? ये सब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद में मंदिर होने के प्रमाण मौजूद हैं, जो सर्वे होने के बाद सामने आ जाएंगे। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां इस तरह के कोई चिह्न या सबूत मौजूद नहीं हैं। पहले भी वहां ऐसा कुछ नहीं था।

दावा- मस्जिद में मौजूद हैं ॐ, कमल और शेषनाग की आकृति
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि शाही ईदगाह की दीवारों पर कमल पुष्प, ॐ और शेषनाग की आकृति मौजूद है। अपना दावा साबित करने के लिए वह कुछ फोटो भी दिखाते हैं। महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि यह सभी आकृति शाही ईदगाह की दीवारों पर मौजूद हैं। यह सभी आकृति सनातन धर्म की प्रतीक हैं।

1670 में मंदिर तोड़कर बनाई मस्जिद
एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि साल 1670 में श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उसके ऊपर शाही ईदगाह बना दी गई। ईदगाह के निर्माण में मंदिर के अवशेष ही प्रयोग किए गए। इनमें सनातन धर्म के प्रतीक चिह्न बने हैं। महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि इस बात के प्रमाण श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़ी किताबों में मिलता है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के नाम दर्ज है 13.37 एकड़ भूमि
श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मामले में विवाद 13. 37 एकड़ भूमि में से करीब 2.37 एकड़ भूमि में बनी शाही ईदगाह को लेकर है। हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आज भी खसरा खतौनी में पूरी 13.37 एकड़ भूमि श्री कृष्ण जन्मस्थान के नाम दर्ज है। इसका नगर निगम में टैक्स भी मंदिर जमा कर रहा है।

शाही ईदगाह के सचिव बोले- नहीं है ऐसा कोई प्रमाण
हिंदू पक्ष के दावे को मुस्लिम पक्ष नकार रहा है। शाही ईदगाह कमेटी के सचिव और मुस्लिम पक्ष के वकील तनवीर अहमद का दावा है कि शाही ईदगाह में न तो पहले और न इस समय वहां कोई चिह्न मौजूद नहीं है। हिंदू पक्ष कहता है कि निशानों को मिटाया जा रहा है, वह गलत कहते हैं। 1993 से वहां हाईकोर्ट के आदेश से हाई जोन सुरक्षा है। सीआरपीएफ और पुलिस रहती है। कैमरे लगे हैं। यह तो उनका अनर्गल प्रचार है। वह दुष्प्रचार करते हैं।