0 कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली में 19 लोकेशंस पर छापेमारी
नई दिल्ली। एंटी-टेरर एजेंसी एनआईए ने सोमवार को सुबह चार राज्यों की 19 लोकेशन पर छापेमारी की। ये रेड आईएसआईएस नेटवर्क केस के तहत की गई। इन 19 लोकेशन में कर्नाटक की 11, झारखंड की 4, महाराष्ट्र की 3 और दिल्ली की एक लोकेशन शामिल है। इस दौरान प्रतिबंधित आईएसआईएस के 8 एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया। ये एजेंट आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली एक्टीविटीज और आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों में बेल्लारी के मिनाज उर्फ मोहम्मद सुलेमान सैयद समीर, मुंबई से अनस इकबाल शेख, बेंगलुरु से मोहम्मद मुनीरुद्दीन, सैयद समीउल्लाह उर्फ सामी,मोहम्मद मुजम्मिल, दिल्ली से शायान रहमान उर्फ हुसैन; और जमशेदपुर से मोहम्मद शाहबाज उर्फ जुल्फिकार उर्फ गुड्डु शामिल हैं। ये सभी मिनाज उर्फ मोहम्मद सुलेमान के नेतृत्व में काम कर रहे थे।
बीते हफ्ते एनआईए ने महाराष्ट्र की 43 लोकेशन पर रेड डालकर 15 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किया गया एक आरोपी आईएसआईएस मॉड्यूल का लीडर था और इस मॉड्यूल में नए लोगों को भर्ती करने का काम करता था। उसका नाम साकिब नचान बताया जा रहा है।
इस रेड के दौरान एनआईए ने बड़ी मात्रा में कैश, हथियार, नुकीले औजार, संवेदनशील डॉक्युमेंट्स और कई डिजिटल डिवाइस मिले थे। एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया आरोपी विदेशी हैंडलर्स के निर्देश पर काम कर रहा था और देश में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा था।
9 दिसंबर एनआईए ने आईएसआईएस से जुड़े नेटवर्क को ढूंढा था
नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) ने 9 दिसंबर को महाराष्ट्र के 43 और कर्नाटक के एक ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा ठाणे रूरल में 31 जगहों, पुणे में दो, ठाणे सिटी में 9, भायंदर में एक जगह पर रेड की। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने आईएसआईएस से जुड़े एक नेटवर्क को ढूंढ निकाला था, जो भारत में आईएसआईएस की विचारधारा को फैलाने की कोशिश कर रहे थे। इस पूरे नेटवर्क को विदेश में बैठे हैंडलर्स चला रहे थे। इन लोगों ने ठाणे के पड्घा गांव को फ्री जोन घोषित करके अल शाम का नाम दिया था। ये अरबी का शब्द है, जिसे 'अल दौलतुल इस्लामिया फिल इराक वल शाम' के शॉर्ट फॉर्म के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसे ग्रेटर सीरिया के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आईएसआईएस मॉड्यूल केस में पुणे से पकड़े गए थे 7 आरोपी
आईएसआईएस मॉड्यूल केस में एनआईए ने पुणे में पहले भी कार्रवाई की थी। यहां से सात लोगों को पकड़ा गया था। 6 नवंबर को इन 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। 12 नवंबर को खुलासा हुआ था कि सातों आरोपी काफी पढ़े-लिखे थे। ये लोग नामी कंपनियों में काम करते थे और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के लिए कोडवर्ड में बात करते थे। एनआईए ने कोर्ट में 4 हजार पेज की चार्जशीट दायर की है। इसके अलावा आरोपी आईईडी बनाने के लिए आसानी से मिलने वाली चीजें जैसे वाशिंग मशीन टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12 वॉट का बल्ब, 9 वॉट की बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस की तीलियां और बेकिंग सोडा का भी इस्तेमाल करते थे। आरोपियों ने आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए महाराष्ट्र, गोवा, केरल और कर्नाटक में रेकी की थी। उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए एक ड्रोन का भी इस्तेमाल किया, जिसे एजेंसी ने जब्त कर लिया है।
क्या है पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल केस?
इस साल 18 जुलाई को पुणे में टू-व्हीलर चुराने के मामले में पुणे पुलिस ने शाहनवाज और मध्यप्रदेश के दो लोगों- मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें उनके ठिकाने पर ले जा रही थी तो शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर फरार हो गया। मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि दोनों सुफा टेररिस्ट गैंग का हिस्सा हैं। अप्रैल 2022 में राजस्थान में एक कार में विस्फोटक मिलने के मामले में वहां की पुलिस उन्हें ढूंढ रही है। तब पुलिस ने इस मामले को पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल केस नाम दिया। इस केस में पुलिस ने तीन और आतंकियों को मोस्ट वांटेड लिस्ट में रखा था। इनके नाम हैं- पुणे का तल्हा लियाकत खान, दिल्ली के रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख।
इस केस का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर आईटी इंजीनियर
एनआईए का कहना है कि इमरान, यूनुस और शाहनवाज के लिंक पुणे की IT फर्म में काम करने वाले इंजीनियर जुल्फिकार अली बोर्डवाला से हैं। जुल्फिकार को आईएसआईएस से जुड़े एक केस में 3 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वो मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है। एनआईए के एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि जुल्फिकार ही इस केस का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर है। उसने इमरान, यूनुस और शाहनवाज को ट्रेनिंग दिलवाई और पैसे भिजवाए थे। इमरान तक पैसे पहुंचाने वाला कदीर दस्तगीर पठान को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गरीब नौजवानों को आईएसआईएस में शामिल करा रहा था डॉक्टर अदनान
चारों से हुई पूछताछ में एनआईए को डॉ. अदनान का नाम मिला। एनआईए ने उसके फ्लैट पर छापा मारा तो आईएसआईएस से जुड़े डॉक्यूमेंट मिले। एनआईए ने अदनान के सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त कर लिए। सेंट्रल जांच एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अदनान के पास मिले डॉक्यूमेंट से पता चला कि उसका संबंध आईएसआईएस से हैं। इसमें गरीब नौजवानों को आतंकी संगठन से जोड़ने की डिटेल भी है। इसके अलावा 4 आरोपियों से यहूदी कम्युनिटी सेंटर की फोटो मिली है। इससे साफ हो गया कि आईएसआईएस के निशाने पर भारत ही नहीं, इजराइल के लोग भी हैं। इसके बाद मुंबई पुलिस ने कोलाबा में चाबड़ हाउस की सिक्योरिटी बढ़ा दी। 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान चाबड़ हाउस पर भी अटैक हुआ था। अदनान समेत पांचों आरोपियों से पूछताछ के बाद एनआईए आकिफ अतीक नाचन तक पहुंची। वो आईईडी की टेस्टिंग में माहिर है। उसने ही इमरान और मोहम्मद यूनुस को छिपाया था। आकिफ को मुंबई के बोरीवली, ठाणे और भिवंडी में हुई रेड के बाद अरेस्ट किया गया।