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0 मिमिक्री विवाद पर उपराष्ट्रपति ने खुद को पीड़ित बताया 

नई दिल्ली। संसद के बाहर अपनी मिमिक्री पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खुद को पीड़ित बताया है। उन्होंने कहा कि एक पीड़ित ही जानता है कि उसे क्या सहना पड़ता है। उसे सभी का सामना करना है, हर किसी से अपमान सहना है। फिर भी एक ही दिशा में बढ़ते रहना है, जो रास्‍ता भारत माता की सेवा की ओर जाता है।

उन्होंने कहा कि अपमान सहने के बावजूद किसी को सेवा के मार्ग से हटना नहीं चाहिए। हमें दूसरों के पॉइंट ऑफ व्यू पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन जब उनके व्यू आपको रास्ते से हटाने के लिए हों तो लोगों को अपनी रीढ़ की हड्डी की ताकत दिखानी चाहिए।

उपराष्ट्रपति रविवार को अपने आवास पर इंडियन स्टेटिस्टिकल सर्विस (आईएसएस) प्रोबेशनर्स के बैच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत माता की सेवा करने के लिए आपको लोगों से आलोचना सहना भी सीखना होगा। मैं एक संवैधानिक पद पर हूं, इसके बावजूद लोग मुझे नहीं बख्शते।

क्या इससे मेरी मानसिकता बदलनी चाहिए? क्या इससे मुझे अपने रास्ते से भटक जाना चाहिए, नहीं। हमें हमेशा धर्म के रास्ते पर आगे बढ़ते रहना चाहिए। हम पर सवाल उठाने वाले लोग पुराने आलोचक हैं, जिन लोगों का पाचन तंत्र हमारे विकास के लिए खराब है, उनसे कभी डरना नहीं चाहिए।

टीएमसी सांसद ने की थी उपराष्ट्रपति की मिमिक्री
संसद सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। 19 दिसंबर को विपक्षी दलों के सांसद संसद के मकर द्वार पर इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर से टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे। उन्होंने करीब 5 मिनट तक उनकी नकल उतारी। उनकी मिमिक्री पर वहां मौजूद सांसद ठहाके लगा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बना रहे थे। इस पर भाजपा ने कहा था कि संवैधानिक पद पर बैठे लोगों का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धनखड़ ने भी सदन में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह से कहा था कि कहीं तो बख्श दो। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि यह मुझ पर व्यक्तिगत हमला है।

प्रधानमंत्री ने घटना को लेकर उपराष्ट्रपति से बात की थी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाने के मामले को लेकर प्रधानमंत्री ने भी उनसे फोन पर बात की थी। पीएम ने भी कहा था कि पिछले 20 साल से वे भी ऐसी अपमानजनक बातें सुन रहे हैं, जो आज भी जारी हैं, मगर ये उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ हो सकता है, वो भी संसद में, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने भी धनखड़ की मिमिक्री पर निराशा जताई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी धनखड़ की मिमिक्री पर निराशा जताई थी। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'जिस तरह से उपराष्ट्रपति का संसद भवन में अपमान किया गया है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। चुने हुए प्रतिनिधि अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन अभिव्यक्ति भी गरिमा के अनुसार होना चाहिए। हमें अपनी मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।