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0 नए पेमेंट सिस्टम के जरिए 10.7 करोड़ अयोग्य किए गए

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार को तकनीक को हथियार की तरह इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। खासतौर पर आधार को, जिसे मनरेगा के तहत पेमेंट करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि सबसे जरूरतमंद भारतीयों तक समाज कल्याण योजनाओं के फायदे न पहुंच सकें।

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी इन-चार्ज कम्युनिकेशन जयराम रमेश ने दावा किया कि मनरेगा की पेमेंट्स को आधार-बेस्ड पेमेंट सिस्टम (एबीपीएस) से जोड़कर सरकार ने अप्रैल 2022 से अब तक 7.6 करोड़ रजिस्टर्ड मजदूरों को सिस्टम से डिलीट कर दिया गया है। 1.9 करोड़ रजिस्टर्ड मजदूरों को मौजूदा वित्त वर्ष के नौ महीनों के अंदर सिस्टम से डिलीट कर दिया गया। जयराम ने कहा कि सबसे गरीब और हाशिए पर रहने वाले करोड़ों भारतीयों को पीएम मोदी ने नए साल का क्रूर तोहफा दिया है। उन्होंने इन लोगों को सामान्य आय पाने से रोकने की तरकीब निकाली है। मनरेगा के लिए पीएम मोदी का तिरस्कार अब घातक एक्सपेरिमेंट्स में बदल गया है।

देश के 10.7 करोड़ मजदूर इस योजना का लाभ पाने के योग्य नहीं
जयराम रमेश ने कहा कि इस देश में 25.69 करोड़ मनरेगा मजदूर हैं, जिसमें से 14.33 करोड़ एक्टिव वर्कर्स हैं। 27 दिसंबर तक कुल मजदूरों में से 34.8% (8.9 करोड़) और एक्टिव मजदूरों में से 12.7% (1.8 करोड़) एबीपीएस के लिए योग्य नहीं हैं। ये कुल मिलाकर 10.7 करोड़ मजदूर हुए। जयराम रमेश ने कहा कि मनरेगा की पेमेंट्स को आधार-बेस्ड पेमेंट सिस्टम (एबीपीएस) से लेने को अनिवार्य बनाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पांचवीं बार समयसीमा बढ़ाई थी, जिसकी डेडलाइन 31 दिसंबर 2023 को खत्म हो गई। मजदूरों, कामगारों और रिसर्चर्स ने कई बार मनरेगा में पेमेंट के लिए एबीपीएस के इस्तेमाल से जुड़ी चुनौतियां बताई हैं, इसके बावजूद तकनीक के साथ मोदी सरकार के घातक एक्सपेरिमेंट जारी हैं।

7.6 करोड़ मजदूरों को सिस्टम से ही डिलीट कर दिया गया
जयराम ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से 30 अगस्त, 2023 को जारी किए गए एक स्टेटमेंट में कई आपत्तिजनक दावे किए गए थे, जैसे कि अगर मजदूर एबीपीएस के लिए एलिजिबल नहीं है, तो जॉब कार्ड डिलीट नहीं होगा। कई स्टेकहोल्डर्स के हवाले से भी ये दावा किया गया था कि मजदूरों को पेमेंट देने के लिए एबीपीएस सबसे अच्छा रास्ता है। और ये कि एबीपीएस मजदूरों का मेहनताना समय पर पाने और ट्रांजैक्शन रिजेक्शन से बचाने में मददगार होगा। जयराम ने कहा कि इन दावों के बावजूद करोड़ों मजदूरों को सिस्टम से डिलीट कर दिया गया। इन डिलीट किए गए मजदूरों का ग्राउंड वेरिफिकेशन किया गया तो पता चला कि कई मजदूरों को गलत तरीकों से सिस्टम से बाहर किया गया है। ये सब आधार ऑथेंटिकेशन और एबीपीएस को जोड़ने की मोदी सरकार की जल्दबाजी के चलते हुआ।