गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ‘वन वर्ल्ड, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का सिद्धांत, विश्व कल्याण की अनिवार्य आवश्यकता है।
श्री मोदी ने यहां महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के 10वें संस्करण के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि कुछ समय पहले ही वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को 20 वर्ष पूरे हुये हैं। बीते 20 वर्षों में इस समिट ने नये आइडिया को प्लेटफॉर्म दिया है। इसने इन्वेस्टमेंट और रिटर्न्स के लिये नये गेटवे बनाये हैं। अब वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की इस बार की थीम है “गेटवे ऑफ फ्यूचर”। इक्कीसवीं सदी की दुनिया का फ्यूचर हमारे साझे प्रयासों से ही उज्ज्वल बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी ग्लोबल फ्यूचर के लिये एक रोड-मैप दिया है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के इस एडिशन में भी इस विजन को औऱ आगे बढ़ा रहे हैं। भारत ‘आई - टू - यू- टू’ और दूसरे मल्टीलेटरल ऑर्गेनाइजेशन के साथ पार्टनरशिप को लगातार मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि वन वर्ल्ड, वन फैमिली, वन फ्यूचर का सिद्धांत, विश्व कल्याण की अनिवार्य आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी से कल भी उनकी बहुत विस्तार से बात हुई है। उनके लिये तो गुजरात आना, पुरानी यादों को ताजा करने जैसा है। श्री न्यूसी भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद के पूर्व छात्र हैं। भारत के लिये गर्व की बात है कि हमारी जी-20 प्रेसिडेंसी में अफ़्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिली। राष्ट्रपति न्यूसी की भारत यात्रा से हमारे सबंधों को तो बल मिला ही है, भारत-अफ़्रीका के बीच घनिष्ठता भी और बढ़ी है।
श्री मोदी ने कहा कि चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पैत्र फियाला पहली भारत यात्रा इस पद पर है, वैसे वह भारत पहले भी आये है। चेक गणराज्य लंबे समय से वाइब्रेंट गुजरात समिट से जुड़ा हुआ है। भारत और चेक गणराज्य के बीच टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल्स, मैन्युफ़ैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पैत्र फियाला मुझे विश्वास है, आपकी इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। हमारे यहां कहा जाता है अतिथि देवो भव: और प्रधानमंत्री के रूप में आपकी तो ये पहली भारत यात्रा है। उम्मीद है, आप बहुत शानदार यादें लेकर यहां
से जायेंगे।
उन्होंने कहा कि नोबेल लॉरिएट और तिमोर लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस होर्टा का भी मैं भारत में स्वागत करता हूं। श्री जोस रामोस होर्टा का गांधीनगर आना और विशेष है। आपने महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा है। आशियान और इण्डो-पैसिफिक क्षेत्र में तिमोर लेस्ते के साथ हमारा सहयोग बहुत अहम है।”
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